नई दिल्ली : देश भर के करीब 130 चार्टर विमान सेवा परिचालकों के लिए यह जोरदार मुनाफे का दौर है। इन दिनों भाजपा और कांग्रेस जैसे दल चुनाव अभियान में हेलीकॉप्टर और बिजनेस जेट का बढ़-चढ़ कर उपयोग कर रहे हैं। इससे यह चुनाव देश का सबसे महंगा चुनाव माना जा रहा है।
चार्टर विमान सेवा परिचालकों के इस क्षेत्र का कायाकल्प महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दो साल इसमें गिरावट का दौर रहा है। लेकिन चुनाव का दौर शुरू होने के बाद पिछले दो महीने में क्षेत्र का कारोबार 35 से 40 प्रतिशत बढ़ गया। ऐसा मुख्य तौर पर राजनेताओं द्वारा चुनाव प्रचार अभियान के लिए इन विमानों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के कारण हुआ।
उद्योग सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दल और राजनेता आम तौर पर चुनाव अभियान के इन दो महीनों में निजी चार्टर्ड विमानों के उपयोग पर आम तौर पर 350-400 करोड़ रपए तक खर्च कर रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि अब तक भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने पार्टी के प्रचार अभियान के लिए सबसे अधिक समय तक चार्टर्ड विमानों में उड़ान भरी है। उनके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का स्थान रहा है।
सूत्रों के अनुसार निजी इस्तेमाल के लिये हेलीकॉप्टर या बिजनेस जेट का उपयोग करने वाली भाजपा अब तक सबसे अधिक खर्च करने वाली पार्टी रही है। कई परिचालकों ने कहा कि इस चुनावी मौसम में विमानों के लिए खींचतान जैसी स्थिति रही क्योंकि मांग के मुकाबले बिजनेस जेट और हेलीकॉप्टरों की संख्या कम रही और इस तरह दरों में भारी बढ़ोतरी हुई।
बिजनेस एयरक्राफ्ट आपरेटर्स ऐसोसिएशन के सचिव आर के बाली ने कहा कि पिछले दो साल से इस क्षेत्र में नरमी रही लेकिन प्रमुख दलों के जोर-शोर से चलने वाले प्रचार अभियान के कारण अब इसमें उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई। डीजीसीए आंकड़ों के मुताबिक करीब 130 गैर.अनुसूचित विमान परिचालक चार्टर परिचालन कारोबार में हैं। इनमें से चार से पांच विमानों वाले करीब 40 बड़े परिचालक है जो विदेशी वायुमार्गों पर भी सेवा प्रदान करते हैं। वे करीब 520 विमान और हेलीकॉप्टरों का परिचालन करते हैं।
भारत में कम किराए वाली विमान सेवा और डेक्कन चार्टर के प्रवर्तक कैप्टन जी आर गोपीनाथ ने कहा कि चार्टर सेवा प्रदान करने वाला उद्योग मौके का पूरा फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा, यह ज्यादा इसलिए भी दिखता है क्योंकि हेलीकॉप्टर या बिजनेस जेट से एक तरह की चमक-दमक और आवाज जुड़ी है . लेकिन हेलीकॉप्टर और जेट का उपयेाग करने के बावजूद मोदी और राहुल जैसे राष्ट्रीय नेता 200 से ज्यादा संसदीय क्षेत्रों का दौर नहीं कर पाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक बड़े दल परिचालकों के साथ दीर्घकालिक उड़ान अनुबंध पर आम तौर पर काफी पहले ही बातचीत कर लेते हैं क्योंकि चुनाव अभियान के चरम पर पहुंचने के बाद दरें काफी बढ़ जाती है।
परिचालक आम तौर पर चार सीट वाले एकल इर्ंजन वाले हेलीकॉप्टर की मूल्य-दर 70,000 से 75,000 रुपए प्रति उड़ान घंटे है जबकि बिजनेस जेट की लागत 2.5 से 3 लाख रुपए प्रति घंटे है लेकिन मांग बढ़ने पर दरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बाली ने व्यस्तता बढ़ने का संकेत देते हुए कहा, यह अफरा-तफरी की स्थिति है। कभी-कभी यह प्रतिष्ठा का भी मामला होता है। शुभ एवियेशन के गौतम साहनी ने कहा कि शीर्ष दलों का खर्च बढ़ने से इस क्षेत्र में कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चार्टर्ड उड़ानों की संख्या बढ़ने से हवाईअड्डों की आय भी बढ़ी है। देशभर में विभिन्न हवाईअड्डों पर चुनाव अभियान के सिलसिले में चार्टर विमानों के उतरने और उड़ान भरने से शुल्क आय में वृद्धि हुई है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 14, 2014, 16:08