
नई दिल्ली : कांग्रेस को इस बार के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक चंदा नहीं मिल पाने की खबरों पर भाजपा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की पार्टी को इस बात का आत्मावलोकन करना चाहिए कि आखिर उसके लिए ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई? उसने आरोप लगाया कि धन उगाही के जरिए बड़ी मात्रा में संसाधन जमा करने के बावजूद कांग्रेसी नेता उसे निकालने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि हारी हुई बाज़ी में धन क्यों गंवाया किया जाए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने यहां कहा, ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस को इस बार के चुनाव में पारंपरिक दानदाताओं से खास समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि इसमें सचाई है या नहीं, लेकिन मान लें कि अगर यह सच है, तो कांग्रेस पार्टी को आत्मावलोकन करना चाहिए कि ऐसे हालात पैदा क्यों हुए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल की संप्रग सरकार देश की अब तक सबसे भ्रष्ट सरकार रही है। इसके मंत्रियों ने धन उगाही की। धन उगाही करने वाले बड़ी मात्रा में संसाधन जमा करने के बावजूद उसे निकालने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि हारी हुई बाज़ी में धन क्यों गंवाया किया जाए।’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने अपने ब्लाग में दावा किया कि दूसरी ओर भाजपा ने चुनाव से काफी महीने पहले से ही ‘आन लाइन और आफ लाइन’ स्तर पर ‘एक वोट, एक नोट’ की मुहिम शुरू कर दी थी। हम करोड़ों लोगों से छोटी छोटी रकम एकत्र करने में सफल हुए।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा ने पारंपरिक दानदाताओं से भी संपर्क साधा।
कांग्रेस को उन्होंने नसीहत दी कि उसे यह सबक सीखना चाहिए कि जो धन एकत्र करने के लिए उगाही पर भरोसा करते हैं, उन्हें चुनाव के समय स्वैच्छिक दान नहीं मिल पाता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 9, 2014, 16:51