
हैदराबाद : केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि शीर्ष कांग्रेसी नेता राजनैतिक संवाद कायम करने में विफल रहे और भ्रष्ट शासन के तौर पर संप्रग को पेश करने के भाजपा के प्रचार अभियान का आक्रामक तरीके से जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कांग्रेस के पूर्व सहयोगी दल द्रमुक को ‘कृतघ्न’ बताकर उसकी आलोचना की और तत्कालीन मंत्री टी आर बालू को ‘‘कम न होने वाली मुसीबत’’ बताया।
10 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर से मुकाबला करना है। रमेश ने कहा, ‘‘हम राजनीतिक संवाद कायम करने में सफल नहीं रहे। राजनीतिक संवाद आखिरी समय में नहीं होता। आपको लंबे समय तक राजनीतिक संवाद करना होता है। मेरा मानना है कि कांग्रेस को इससे चोट पहुंची है।’’ उन्होंने माना कि 2जी, राष्ट्रमंडल खेल और अन्य घोटालों ने निश्चित तौर पर कांग्रेस की संभावनाओं को चोट पहुंचाया है।
रमेश ने कहा, ‘‘मेरा हमेशा मानना है कि राजनीति की बुनियाद में से एक है संवाद और बेहद शीर्ष स्तर से संवाद अकेले ‘शेरपाओं’ द्वारा। इसलिए, राजनैतिक संवाद काफी महत्वपूर्ण है लेकिन दुर्भाग्य से हममें इसका अभाव रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैग और बेहद सक्रिय न्यायपालिका के कारण भाजपा ने बेहद आक्रामक अभियान चलाया और समाज भी उसके समर्थन में कूद गया और मेरा मानना है कि उस अवधि में हमने (कांग्रेस) उस तरह की आक्रामकता नहीं दिखाई जैसा हमें दिखाना चाहिए था।’’ जहां तक 2014 के चुनावों का सवाल है तो रमेश ने कहा कि वह द्रमुक के रुख से ‘निराश’ हैं। द्रमुक का तमिलनाडु में हाल में संपन्न चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 4, 2014, 16:53