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नई दिल्ली : भाजपा ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं की ओर से ‘नीच राजनीति, चायवाला, हिटलर, खूनी, गंगू तेली, बंदर, नपंसुक’ आदि शब्द प्रयोग किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि वह ‘भ्रष्टाचार की राजनीति’ को किस श्रेणी में रखेगी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा कि कांग्रेस पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ नीच राजनीति, चायवाला, हिटलर, खूनी, गंगू तेली, बंदर, नपंसुक’ जैसे विशेषणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोदी को ‘नीच राजनीति और हरकत’ करने के रूप में संबोधित करने में कांग्रेस पार्टी को कुछ भी गलत नहीं लगता है।
उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि टूजी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लाक आवंटन में भ्रष्टाचार किस श्रेणी की राजनीति में आएंगे? क्या नोट के बदले वोट और आदर्श को ‘शुद्ध राजनीति’ की श्रेणी में रखा जाएगा? जेटली ने लोकपाल और जासूसी प्रकरण के विषय का जिक्र करते हुए लिखा कि लोकपाल और जासूसी प्रकरण में न्यायाधीशों की नियुक्ति का सबक यह है कि व्यवस्था, सरकारों से अधिक शक्तिशाली होती है। अगर सरकार संस्थाओं को अपने अनुरुप चलाने की कोशिश करे तो व्यवस्था से जुड़े आयाम इन्हें रोकते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को बार बार लिखा लोकपाल के सदस्यों की नियुक्ति के कानून के तहत बनाये गए नियम अधिनियम के अनुरुप नहीं है। ये संस्थान के सम्मान को कम करते हैं क्योंकि न्यायाधीशों को पद के लिए आवेदन करने की जरूरत होती है। जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार की कोशिश नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली करना और लोकपाल की नियुक्ति को अपने अनुरूप बनाना है। हालांकि आज व्यवस्था मजबूत बन गई है। यह दुर्भावना से प्रेरित कदम सफल नहीं होगा। नियम तैयार करने समेत संपूर्ण प्रकिया नए सिरे से शुरू होगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 7, 2014, 15:57