
मेरठ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को यहां कहा कि भाजपा ने इस बार अपनी पार्टी की ओर से ऐसे व्यक्ति को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है जिसने 2002 में गुजरात को ही गोधरा कांड दंगों की चपेट में लाकर खड़ा कर दिया था। यदि ऐसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन जाता है तो फिर देश कभी भी सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आकर तबाह व बरबाद हो सकता है।
मायावती यहां हापुड़ रोड पर आयोजित मेरठ और बिजनौर संसदीय सीट के लिए आयोजित चुनावी रैली को संबोधित कर रही थी। खास बात यह रही कि रैली में पिछली बसपा की चुनावी रैलियों के मुकाबले कम भीड़ दिखी।
मायावती ने कहा कि केन्द्र में जब पहली बार भाजपा की सरकार बनी थी तब उसने देश के दलित वर्ग के लोगों को बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के अथक प्रयासों के कारण जो सरकारी नौकरियों में शिक्षा में, राजनीति में जो आरक्षण मिल रहा था इसको खत्म करने के लिए भाजपा सरकार ने भारतीय संविधान की समीक्षा करने के लिए एक आयोग बनाने का फैसला किया था। लेकिन हमारी पार्टी के भारी विरोध के चलते भाजपा की केन्द्र सरकार को भारतीय संविधान की समीक्षा करने का फैसला बदलना पड़ा था।
मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा यह नहीं चाहती है कि इस देश के अन्दर जो दलित, पिछड़े वर्ग के लोग का आरक्षण बरकरार रहे। भाजपा यह बिल्कुल नहीं चाहती है कि अपना यह भारतीय संविधान जो धर्मनिरपेक्षता के आधार पर बना है वह बना रहे। ऐसी स्थिति में मेरा दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के लोगों से भी यह कहना है कि भाजपा को केन्द्र की सरकार में आने से जरूर रोकना होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 6, 2014, 19:21