तीसरे मोर्चे पर फैसला चुनाव के बाद : प्रकाश करात

तीसरे मोर्चे पर फैसला चुनाव के बाद : प्रकाश करातनई दिल्ली : तीसरा मोर्चे और इसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की संभावना के बारे में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात का कहना है कि इस बारे में फैसला चुनाव के बाद होगा। बीते फरवरी महीने में 11 दलों ने मुलाकात की थी और नतीजे आने के बाद अंतिम तौर पर फैसला करेंगे।’

संवाददाताओं से बातचीत में करात से यह पूछे जाने पर कि आम आदमी पार्टी का गैर कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष दलों के गठबंधन में स्वागत होगा तो करात ने कहा, ‘यह उनको फैसला करना है। हम उन्हें गैर कांग्रेस और गैर भाजपा दल के रूपे में देखते हैं, लेकिन वे शायद अकेले जाना चाहते हैं।’ देश में भाजपा अथवा इसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर किसी तरह की लहर की बात को खारिज करते हुए करात ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस विरोधी लहर है जिसका फायदा क्षेत्रीय दलों को भी मिलेगा।

माकपा महासचिव ने कहा, ‘अभी काफी मजबूत कांग्रेस विरोधी लहर है जिसे मोदी लहर के तौर पर गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। इस कांग्रेस विरोधी माहौल से क्षेत्रीय दलों को भी फायदा होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद भाजपा एवं सहयोगी दलों तथा क्षेत्रीय दलों के समूह के बीच मुकाबला रहेगा।

करात ने कहा कि भाजपा के चुनावी अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काफी हद तक शामिल है और भाजपा का यह चुनावी अभियान बड़े पैमाने पर सांप्रदायिकता पर आधारित है। इसे सुशासन एवं विकास से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशियों को बाहर करने की बात कर करते हैं जहां 25 फीसदी मुस्लिम आबादी है। दूसरी तरफ बिहार में वह ‘गुलाबी क्रांति’ की बात करते हैं।

करात ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी असम की स्थिति का हवाला देते हुए इस तरह की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें अपने फायदे के लिए असम की स्थिति का पूरा उपयोग कर रहे हैं। करात ने चुनाव आयोग के प्रति आलोचनात्मक रूख पेश करते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग ने बंगाल में धांधली की शिकायतों पर गंभीरता से विचार नहीं किया। उसने कोई सटीक कदम नहीं उठाया।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 3, 2014, 20:33
First Published: Saturday, May 3, 2014, 20:33
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