नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी को वाराणसी के बेनियाबाग में रैली की अनुमति नहीं दिए जाने पर भाजपा ने आज चुनाव आयोग से शिकायत की कि ‘किसी के इशारों पर’ उसके प्रति चुनाव तंत्र का व्यवहार पूरी तरह भेदभावपूर्ण और राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त दिख रहा है। आयोग ने हालांकि इस आरोप को गलत बता कर खारिज कर दिया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडु की अगुवाई में भाजपा के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत से मुलाकात करके उक्त शिकायत की और इस बारे में उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी को हटाने की मांग पर आज वाराणसी और दिल्ली में धरना भी दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने हालांकि पक्षपात बरतने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि चुनाव आयोग को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि आयोग अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में किसी राजनीतिक दल या प्रतिष्ठान से भयभीत नहीं हैं। वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी का भी बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी की रैली को पेशेवर सलाह के आधार पर अनुमति नहीं दी गयी तथा इस निर्णय को बदलने की कोई जरूरत नहीं है।
बाद में यह पूछे जाने पर कि भाजपा क्या चुनाव आयोग पर भेदभाव बरतने का आरोप लगा रही है, नायडू ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने कमो-बेश अच्छा काम किया है लेकिन कुछ क्षेत्रों में कुछ कमियां रह गई हैं।’ उन्होंने कहा कि वे वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी के प्रति विरोध जताने गए थे चुनाव आयोग के खिलाफ नहीं।
भाजपा के प्रति कथित भेदभाव बरतने के उदाहरण के तौर पर नायडु ने कहा कि अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नियमों का कथित उल्लंघन करके मतदान शुरू हो जाने के बाद कई केन्द्रों पर जाकर ईवीएम की जांच की लेकिन उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। दूसरी ओर कुछ दिन पहले मोदी ने गुजरात में और टीडीपी के नेता चन्द्रबाबू नायडू ने आंध्रप्रदेश में अपने अपने वोट डालने के बाद मतदान केन्द्र से काफी दूर जाकर संवाददाताओं से बात की तो आयोग ने उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दे डाले। आयोग को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया गया, ‘‘इससे पहले भी वाराणसी में सरकारी मशीनरी ने भाजपा के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार लगातार किया है।’ इसमें कहा गया, ‘इसके पूर्व भी पश्चिम उत्तर प्रदेश में मतदान के दौरान किसी के इशारों पर वहां भाजपा के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव किया गया। मतदान के दौरान चुनाव तंत्र का व्यवहार पूरी तरह भेदभावपूर्ण एवं राजनैतिक पूर्वाग्रह से भरपूर दिख रहा है, जो चुनाव आयोग की गरिमा को धूमिल करता है।’ उधर वाराणसी में भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली, अमित शाह और अनंत कुमार सहित पार्टी के कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सामने धरने पर बैठे। वे वहां के निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव के कथित पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते उन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे थे।
दिल्ली में भी निर्वाचन आयोग भवन के सामने भाजपा नेताओं का धरना देने का कार्यक्रम था। लेकिन निर्वाचन भवन के पास धारा 144 लगा दी गई और भाजपा नेता और कार्यकर्ता आयोग की इमारत के समीप आकाशवाणी भवन के पास एकत्र हुए। बाद में वेंकैया नायडु, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, हर्ष वर्धन, विजय कुमार मल्होत्रा और मीनाक्षी लेखी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से भेंट करके वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी के आचरण के प्रति अपना रोष व्यक्त किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 8, 2014, 18:03