ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजित सिंह और उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान की विवादस्पद टिप्पणियों पर उत्तर प्रदेश के चुनाव अधिकारियों से बुधवार को रिपोर्ट तलब की।
चुनाव आयोग सूत्रों ने यहां कहा कि मुख्य चुनाव अधिकाराी को हमें विवादस्पद बयानों की सीडी उपलब्ध करने को कहा गया है। जिला चुनाव अधिकारियों को भी टिप्पणियों पर जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। जहां मुलायम के इस कथित बयान ने चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित किया है कि वह भाजपा के अमित शाह का नाश कर देंगे, करगिल जंग पर आजम खान की टिप्पणी का ब्योरा भी मांगा गया है।
उधर, चुनाव में समाजवादी पार्टी पर लोगों को साम्प्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने इस पार्टी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बुधवार को चुनाव आयोग से मांग की। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां कहा कि यह चुनाव का समय है और ऐसे में चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराना सुनिश्चित करे। सुरक्षा बलों को इन चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। अगर कोई सुरक्षा बलों को लेकर साम्प्रदायिक राजनीति करता है तो चुनाव पर इसके गंभीर असर हो सकते हैं।
सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान ने एक विवादास्पद बयान में कहा है कि 1999 में हुए करगिल युद्ध में ‘मुस्लिम सैनिकों’ ने पाकिस्तान से लोहा लेते हुए भारत को विजय दिलाई। भाजपा ने आयोग से कहा कि ऐसी बातों को ‘बहुत गंभीरता’ से लेते हुए वह सपा के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई करे। त्रिवेदी ने कहा कि आजम खान का बयान ‘भारतीय सैनिकों की बहादुरी का अपमान’ है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा ऐसा बयान दिया जाना ‘साम्प्रदायिक राजनीति’ का स्पष्ट द्योतक है। यह देश की सुरक्षा का साम्प्रदायीकरण करने का प्रयास है।
भाजपा नेता ने सपा नेताओं से सवाल किया कि क्या वे कभी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने उनके घर गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के बजाय वे आतंकियों के घर जाते हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में सुरक्षा बलों में अल्पसंख्यकों को 15 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है, जबकि सुरक्षा बलों को साम्प्रदायिक आधार पर नहीं बांटना चाहिए।
वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के केन्द्रीय प्रभारी अमित शाह पर निशाना साधते हुए बीते दिनों कहा था कि ऐसे नेताओं का राजनीति में होना ’दुर्भाग्यपूर्ण ’है। सपा मुखिया ने अशोक प्रधान को पार्टी में शामिल करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति में अमित शाह जैसे लोग हैं। वे कौन हैं, उनका इतिहास देखिए। जब (गुजरात) दंगे हुए तब वे वहां गृह मंत्री थे। यह कहते हुए कि यह नाश कर देंगे, यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश राम, कृष्ण, अटलजी की धरती है। भाजपा को भी सोचना चाहिए कि उन्होंने ऐसे आदमी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया है।
उधर, अमित शाह पिछले दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश में की गयी इस टिप्पणी के लिए विवाद में है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह आम चुनाव अपने अपमान का बदला लेने का अवसर है। जिन्होंने अपमान किया है उन्हें सबक सिखाने का अवसर है।
First Published: Wednesday, April 9, 2014, 15:23