लखनऊ : निर्वाचन आयोग द्वारा भड़काऊ भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां पर शिंकजा कसने के बाद पार्टी ने एक बार फिर उनका बचाव करते हुए आयोग पर ही निशाना साधा है और आजम को अपना पक्ष रखने के लिए मौका देने की मांग की है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए निर्वाचन आयोग जिम्मेदार है और उसे यह जिम्मेदारी बिना राग-द्वेष के निभानी चाहिए। चौधरी ने भाजपा नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए आयोग द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं किए जाने का भी आरोप लगाया है।
प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के अमित शाह लगातार सांप्रदायिकता की राजनीति कर रहे थे। उमा भारती और अमित शाह दोनों बराबर धमकी भरे बयान देते हैं कि चुनाव बाद उप्र की बहुमत की निर्वाचित सरकार गिरा दी जाएगी। प्रवक्ता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी कभी गुजरात के शेरों की बाते करते हैं, कभी आजम खां की भैंसों की और अब उन्होंने ताना मारा है कि उप्र में अखिलेश यादव से सांड भी नहीं संभाले जा पा रहे हैं। वैसे तो यह उनका ओछापन ही है, लेकिन देश के बड़े पद के लिए यह मयार्दाहीन और छोटी हरकत है। चौधरी ने कहा कि भाजपा के नेताओं की भाषा चुनाव के माहौल को बिगाड़ने और राजनीतिक प्रदूषण फैलाने वाली है, लेकिन फिर भी निर्वाचन आयोग पता नहीं क्यों बिगड़े नेताओं के इन बयानों का संज्ञान नहीं ले रहा है। एक बहुचर्चित उक्ति है कि न्याय होने के साथ यह लगना भी चाहिए कि न्याय किया गया है।
प्रवक्ता ने आजम का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर अपनी सफाई का मौका तो मिलना ही चाहिए था। निर्वाचन आयोग को पांच बजे तक उनको जबाव देना था पर उससे भी वंचित कर उनको चुनाव प्रचार से बेदखल करना आयोग की दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई है। चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए निर्वाचन आयोग अपने निर्णय पर पुन: विचार करे। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 14, 2014, 23:35