आजम खान को एक और कारण बताओ नोटिस

आजम खान को एक और कारण बताओ नोटिसनई दिल्ली : चुनाव आयोग ने गहरी चिंता जाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहम्मद आजम खान को आयोग के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने और उनपर उत्तर प्रदेश में प्रचार करने पर लगाये गये प्रतिबंध को नजरअंदाज करने के लिए एक नया कारण बताओ नोटिस जारी किया।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के खिलाफ जारी किये गये इस कारण बताओ नोटिस के कुछ ही दिन पहले उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए आयोग ने उन पर उत्तर प्रदेश में प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था। आयोग ने आजम खान से शुक्रवार शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा है। अन्यथा आयोग आगे उनसे जिक्र किये बगैर निर्णय लेगा।

आयोग ने कहा कि उसने गहरी चिंता के साथ यह गौर किया कि प्रतिबंध के बावजूद आजम खान ने दुराग्रहपूर्वक, लगातार और जानबूझकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया। नोटिस के मुताबिक खान ने संभल, रामपुर और बिजनौर में नौ और दस अप्रैल को भड़काऊ भाषण दिये जो समाज के विभिन्न समुदायों के बीच मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकते हैं और वैमनस्य पैदा कर सकते हैं। नोटिस में कहा गया है कि आयोग को ऐसी खबरें, शिकायतें मिली हैं कि चुनाव आयोग के 11

अप्रैल के आदेश का उसकी सही भावना के अनुरूप पालन करने की बजाय उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उक्त आदेश में दिये गये निर्देशों में गतिरोध पैदा करने का प्रयास किया। आयोग ने कहा कि खान ने चुनाव आयोग के खिलाफ बिलकुल निराधार और अभद्र आरोप लगाये हैं। उन्होंने प्रथम दृष्टया चुनाव आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया है। आयोग ने इस महीने की शुरूआत में नरेन्द्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह और सपा नेता आजम खान के भड़काऊ भाषणों को लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनपर उत्तर प्रदेश में चुनावी सभा करने, प्रदर्शन करने या रोडशो करने पर प्रतिबंध लगा दिया था और साथ ही अधिकारियों को उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था।

आयोग ने बाद में अमित शाह के खिलाफ लगे प्रतिबंध को शाह द्वारा दाखिल किये गये इस आश्वासन के बाद उठा लिया था कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे चुनावी माहौल बिगड़े। आजम खान ने यह आरोप लगाकर विवाद पैदा कर दिया था कि 1999 का कारगिल युद्ध मुसलमान सैनिकों ने लड़ा था और जीता था। उन्होंने हाल में गाजियाबाद की एक चुनावी सभा में कहा, ‘कारगिल की पहाड़ियों को फतह करने वाले सैनिक हिन्दू नहीं बल्कि मुसलमान थे।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 23, 2014, 21:38
First Published: Wednesday, April 23, 2014, 21:38
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