नई लोकसभा की पहली जिम्मेदारी अध्यक्ष का चुनाव

नई दिल्ली : नई लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद नवनिर्वाचित सांसदों के लिए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव करना सबसे पहला काम होगा। परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद (सबसे अधिक बार चुनकर आए सदस्य) को प्रोटेम स्पीकर के रूप में मनोनीत किया जाता है जो नवनिर्वाचित सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं और उनकी देखरेख में अध्यक्ष का चुनाव होता है। आम तौर पर उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है।

आम चुनाव के परिणाम की घोषणा शुक्रवार को होगी। लोकसभा महासचिव पी.श्रीधरन ने मीडियाकर्मियों को गुरुवार को बताया कि प्रोटेम स्पीकर के नाम का सुझाव संसदीय कार्य मंत्रालय देता है और मंजूरी राष्ट्रपति देते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाएंगे और उसके बाद प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे।

श्रीधरन ने कहा कि सरकार अध्यक्ष पैनल के लिए दो-तीन नाम का सुझाव देगी, जो प्रोटेम स्पीकर को सांसदों के शपथ ग्रहण में सहयोग करेंगे। मौजूदा लोकसभा में कांग्रेस सदस्य माणिकराव गावित को प्रोटेम स्पीकर चुना गया था। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सदस्य बासुदेव आचार्य अगर चुनाव जीतते हैं तो 16वीं लोकसभा में वे सबसे लंबे कार्यकाल वाले सदस्य होंगे। आचार्य का लोकसभा में यह नौवां कार्यकाल होगा। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ का 15वीं लोकसभा में यह आठवां कार्यकाल है। अधिकारियों के मुताबिक, संसद सत्र की शुरुआत का दिन नई सरकार तय करेगी।

उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह दो घंटे तक चलेगा और इसके बाद सदन अपने अध्यक्ष का चुनाव करेगा। अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रपति संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। अगर त्रिशंकु लोकसभा बनने पर राष्ट्रपति नई सरकार को बहुमत साबित करने के लिए समय देंगे और सरकार को सदन में मतदान के जरिए विश्वास मत हासिल करना होगा। 15वीं लोकसभा की अवधि 31 मई को समाप्त हो रही है, इसकी अवधि एक जून 2009 को शुरू हुई थी। संभवत: राष्ट्रपति इसे पहले भी भंग कर सकते हैं। त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में अध्यक्ष के चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच मुकाबला हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 15, 2014, 20:24
First Published: Thursday, May 15, 2014, 20:24
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