
नई दिल्ली : जदयू से निष्कासित किए गए राज्यसभा सदस्य साबिर अली ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ किए जाने से इंकार करते हुए मंगलवार को कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई से साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की पार्टी मुसलमानों की कितना हमदर्द है।
अली ने कहा, ‘मैंने नरेंद्र मोदी की तारीफ नहीं की। मैंने उनका नाम भी नहीं लिया था। इससे (निष्कासन) साफ हो गया है कि वे (जदयू नेतृत्व) मुसलमानों के कितने हमदर्द हैं।’ साबिर अली को सोमवार को मोदी की कथित तौर पर तारीफ करने को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। वह बिहार की शिवहर लोकसभा सीट से जदयू उम्मीदवार थे, लेकिन अब उनके स्थान पर किसी और को टिकट दिया जाएगा।
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने अली के निष्कासन की पुष्टि करते हुए कहा था कि वह शुरू से साबिर अली के खिलाफ थे और यह जानते थे वह अच्छे व्यक्ति नहीं है। यह अच्छा हुआ कि उनका असली चेहरा सामने आ गया और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
अली ने पार्टी के किसी नेता का नाम लिए बगैर आरोप लगाया, ‘जो लोग यहां बैठकर भ्रष्टाचार करते हैं और उल्टी-सीधी बातें करते हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।’
साबिर अली ने कहा, ‘राज्यसभा की सदस्यता मेरी अपनी बदौलत है। मुझे इस पार्टी से क्या मिला? मुझे कुछ नहीं दिया गया। मुझसे वादा किया गया था, लेकिन वादाखिलाफी की गई। उन्हें हमारा धन और ताकत चाहिए, लेकिन जब हक देने की बारी आती है तो किसी और को दे दिया जाता है।’ दरअसल, लोकजनशक्ति पार्टी में रहते हुए अली को राज्यसभा की सदस्यता मिली थी। बाद में वह जदयू में शामिल हो गए थे और पार्टी नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली इकाई का अध्यक्ष बनाया था। कहा जा रहा है कि इस बार नीतीश कुमार की ओर से उन्हें राज्यसभा नहीं भेजे जाने तथा लोकसभा की मनपसंद सीट पश्चिमी चंपारण से भी उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के कारण वह नाराज चल रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि मोदी के बारे में उनकी राय बदल गई है, उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया और सिर्फ इतना कहा, ‘इस बारे में कभी और बात करेंगे।’ अली ने आगे की योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैंने अभी कुछ तय नहीं किया है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 25, 2014, 16:45