ज़ी मीडिया ब्यूरो कोहिमा/नगालैंड: नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए बुधवार सुबह मतदान शुरू हुआ। साफ मौसम की वजह से अपराह्न दो बजे तक यहां 60 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया है। निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि म्यांमार की सीमा से लगे इस राज्य में किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है।सुरक्षा कारणों की वजह से मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम चार बजे तक जारी रहेगा।
नागालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) नीत डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड (डीएएन) की सरकार है। राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए 1,182,903 मतदाता 2,059 केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
यहां मुख्यमंत्री नेफियु रियो का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार के.वी.पुसा से है। रियो का नागा पीपुल्स फ्रंट, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है। इस सीट से तीन उम्मीदवारों में सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के टिकट से अखेई अचुमी भी शामिल हैं। मतदान के लिए 12,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और चार केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है।
दूसरी तरफ मणिपुर की दो लोकसभा सीटों में से एक पर बुधवार को मतदान कराया जा रहा है। अपराह्न दो बजे तक 50 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पुलिस और निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतदान 1,406 केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से कराए जा रहे हैं।
सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से काफी पहले मतदान केंद्रों पर लंबी कतार देखी गई, जो पारंपरिक पोशाक पहने हुए थे। मतदान शाम चार बजे तक चलेगी। मतदान सभी पांच पहाड़ी जिलों- उथकुस, सेनापति, चंदेल, तमेंगलांग और चुराचंदपुर में कराए जा रहे हैं।
बाहरी मणिपुर सीट पर चुनाव के लिए 1,406 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुल 9,11,699 मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जिनमें 4,63,068 महिला मतदाता हैं। भीतरी मणिपुर सीट के लिए मतदान 17 अप्रैल को कराए जाएंगे।
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मौजूदा सांसद थांग्सो बैट, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गैंगमुमई कमई, तृणमूल कांग्रेस ने किम गैंग्टे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) ने चुंगखोकई दौउंगेल को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। 51 वर्षीय किम गैंग्टे मणिपुर से पहली महिला सांसद हैं। वह 1998 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के टिकट पर सांसद बनी थीं। इस बार का मुख्य मुद्दा सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम 1958 को हटाना और विकास है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Wednesday, April 9, 2014, 09:06