ज़ी मीडिया ब्यूरो/संजीव कुमार दुबेनई दिल्ली: एग्जिट पोल में बहुमत से उत्साहित बीजेपी के लिए पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को दी जानेवाली भूमिका फिलहाल परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि अगर नरेंद्र मोदी एनडीए के चेयरमैन बने तो आडवाणी को लोकसभा स्पीकर पद की भूमिका सौंपी जा सकती है। यह कहा जा रहा है कि मोदी चेयरमैन की कमान खुद अपने हाथ में ही लेना चाहते हैं। फिलहाल आडवाणी एनडीए के कार्यकारी चेयरमैन हैं ।
सूत्रों के मुताबिक यह लगभग तय है कि मोदी की सरकार में आडवाणी शामिल नहीं होंगे। बीजेपी नेतृत्व ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता कि सरकार बनने की स्थिति में पार्टी में किसी तरह के मतभेद की बात सामने आए और बेवजह छीछालेदर हो। इसलिए कि पार्टी का एक धड़ा इस सिलसिले में आरएसएस की मदद लेने की भी वकालत कर रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की भूमिका तय करने को लेकर संघ दखल दे सकता है।
इस बारे में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी और लालकृष्ण आडवाणी सहित वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही उनकी भूमिका पर निर्णय किया जाएगा। पिछली एनडीए सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे आडवाणी के बारे में खबर है कि वह मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कोई भूमिका लेने को इच्छुक नहीं हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ )
First Published: Thursday, May 15, 2014, 09:35