
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के बीच किसी भी तरह के भय को दूर करने का प्रयास करते हुए सोमवार को इस समुदाय के कल्याण से जुड़ी किसी भी मौजूदा संवैधानिक या वैधानिक संस्था को समाप्त करने की आशंका को खारिज कर दिया और कहा कि वह इन संस्थाओं को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
धर्मनिरपेक्षता को पश्चिम से आयातित अवधारणा बताते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिमों का वोट पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया और अब कांग्रेस और अन्य पार्टियां इस समुदाय का उपयोग ‘वोट बैंक’ के लिए कर रहीं हैं।
उर्दू साप्ताहिक ‘नई दुनिया’ को दिये इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि संविधान ने सभी नागरिकों को समान अधिकार दिये हैं और भारत के डीएनए में सभी धर्मों के लिए सद्भावना और सम्मान है।
जब मोदी से अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम जैसी संस्थाओं को बंद करने की उनके आलोचकों की आशंकाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक और वैधानिक निकायों को मजबूत करने की जरूरत है, उन्हें समाप्त नहीं करना है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘जरूरत है कि उन्हें लाभप्रद और मजबूत बनाया जाए ताकि वे सांकेतिक कदमों वाली मौजूदा प्रणाली पर चलते रहने के बजाय ठोस काम करें।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, May 5, 2014, 21:09