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नई दिल्ली : भाजपा नेता अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के चुनाव आयोग के आदेश पर गुरुवार को सवाल खड़ा किया और कहा कि आयोग ने ‘हड़बड़ी तथा नाराजगी’ में कार्रवाई की और उसके द्वारा दी गयी व्याख्या संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हो सकती है।
जेटली ने कहा कि चुनाव आयोग ने व्यापक दृष्टिकोण पर ध्यान नहीं दिया और मांग की कि मतदान केंद्र के क्षेत्र को परिभाषित किया जाए क्योंकि मोदी मतदान के बाद मीडिया को बाइट देते समय मतदान केंद्र के अंदर नहीं थे जैसा कि देशभर में अन्य जगहों पर अन्य नेता करते हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग पर एक लेख में लिखा कि जनसभा तो जनसभा होती है। मीडिया बाइट जनसभा नहीं होती। अगर मतदान वाले दिन नेताओं के बयान दिखाने पर मीडिया पर अभियोग दर्ज किया जाता है तो इस तरह का प्रावधान स्वतंत्रता से वक्तव्य देने की संवैधानिक गारंटी का हनन होगा क्योंकि यह अनुच्छेद 19 (2) के तहत निर्दिष्ट पाबंदियों के दायरे में नहीं आता।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अन्य नेताओं द्वारा मतदान के बाद मीडिया से बातचीत के उदाहरण देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मैं केवल यह कह रहा हूं कि चुनाव आयोग की ओर से दी गई व्याख्या सही नहीं भी हो सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 1, 2014, 20:35