कांग्रेस के सामने है मुश्किल दौर : जनार्दन द्विवेदी

कांग्रेस के सामने है मुश्किल दौर : जनार्दन द्विवेदीज़ी मीडिया ब्यूरो

सतना (मध्यप्रदेश) : जयराम रमेश के बाद कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने यह स्वीकार किया है कि कांग्रेस नीत यूपीए का सरकार में आना मुश्किल है। द्विवेदी ने कहा कि हो सकता है कांग्रेस और संप्रग सरकार ने ‘गठबंधन की मजबूरी’ के चलते कुछ गलतियां की हों। उन्होंने कहा कि पार्टी ‘मुश्किल दौर’ का सामना कर रही है।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वह स्वीकार करते हैं कि इस बार का चुनाव कांग्रेस के लिए मुश्किल भरा है, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने स्वीकार किया कि यह ‘मुश्किल दौर’ है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर द्विवेदी ने कहा, ‘सभी गलतियां करते हैं। कुछ गलतियां हमसे भी हुई। हो सकता है कि संगठन ने बहुत अच्छे से कार्य नहीं किया लेकिन कांग्रेस ने हमेशा ही अपनी गलतियों से सीखा है। प्रत्येक चुनाव एक चुनौती है और यह ‘मुश्किल दौर है।’

द्विवेदी ने कहा कि पार्टी को आत्ममंथन भी करना होगा और अपने कार्यकर्ताओं और उनके समर्पण और निष्ठा को महत्व देने के साथ ही अवसरवादियों की पहचान भी करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग संगठन में शामिल होते हैं और अस्थायी लाभ ध्यान में रखते हुए पदोन्नत हो जाते हैं। ऐसे लोग तभी तक बने रहते हैं जब तक कि उन्हें लाभ मिलता है लेकिन उसके बाद पार्टी छोड़ देते हैं।’ द्विवेदी ये चिंताएं पहले भी जता चुके हैं जिसे लेकर मीडिया द्वारा यह व्याख्या की गई थी कि कांग्रेस में एक वर्ग ऐसा है (विशेष रूप से पुराने कार्यकर्ता) जो कि सहज महसूस नहीं कर रहा है।

संप्रग सरकार कामकाज और उसके कार्यकाल में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामले और घोटाले सामने आने के बारे में पूछे जाने पर द्विवेदी ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि जब गठबंधन सरकार चलानी होती है तो उसकी कुछ बाधाएं होती हैं। सबसे बड़ी बाधा यह है कि किस गठबंधन सहयोगी का कौन व्यक्ति मंत्री बनेगा उसका निर्णय उस पार्टी द्वारा किया जाना है तथा जब कोई स्थान खाली होता है तो वही पार्टी निर्णय करती है कि उसे कौन भरेगा।’ उन्होंने कहा कि केंद्र में संप्रग सरकार ने विशेष रूप से अधिकार आधारित जितनी योजनाएं शुरू की उतनी किसी भी अन्य गठबंधन सरकार ने नहीं शुरू की।’ (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Saturday, April 5, 2014, 00:34
First Published: Saturday, April 5, 2014, 00:34
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