बेंगलुरु : कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में बड़ी जीत की उम्मीद है। कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की स्थिति काफी हद तक राज्य में लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।
एग्जिट पोल के नतीजों में कर्नाटक में विरोधाभासी रुझान दिखाए गए हैं। कुछ एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस और भाजपा दोनों में उम्मीद जगाते हैं जबकि मुख्य विपक्षी को ज्यादा बड़ी जीत की उम्मीद है। पिछले साल मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था और दक्षिण भारत में अपनी पहली सरकार गंवानी पड़ी थी।
यदि सिद्धरमैया पार्टी में अपने लिए अनुकूल स्थिति बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से कम से कम 15 पर पार्टी को जीत दिलानी होगी। सिद्धरमैया उन एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज कर चुके हैं जिनमें भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले राज्य में बड़ी जीत हासिल करते दिखाया गया है। साल 2009 के चुनावों में भाजपा को 19, कांग्रेस को छह और जनता दल सेक्यूलर को तीन सीटें मिली थीं। दो उप-चुनावों में जीत के बाद कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़कर आठ हो गई थी।
मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि गरीबों को एक रुपये प्रति किलोग्राम चावल देने जैसी योजनाएं कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन में मददगार साबित होंगी। दूसरी ओर, भाजपा पहले से ही बहुत उत्साहित है। पिछले विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी पिछले लोकसभा चुनावों के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने की आस लगाए बैठी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 15, 2014, 18:14