ज़ी मीडिया ब्यूरो/बिमल कुमार नई दिल्ली : विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल के रुझान के बाद देश में भारतीय जनता पार्टी की अगली सरकार बननी तय है। ऐसे में बीजेपी भी यह मानकर चल रही है कि उनकी अगुवाई में एनडीए की ही सरकार बनेगी और चुनाव बाद की रणनीति पर मंथन पार्टी के भीतर शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मोदी की अगुवाई में बनने वाली सरकार में हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अपुष्ट तौर पर ऐसी खबर है कि आडवाणी सरकार में सिर्फ सलाहकार की भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही वे एनडीए के चेयरमैन बने रह सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी दो पावर सेंटर के खिलाफ है।
गौर हो कि बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ अरुण जेटली और नितिन गडकरी बुधवार को गांधीनगर में नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इनके बीच पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका पर चर्चा होगी। तीनों नेता दोपहर तीन बजे गांधीनगर पहुंच जाएंगे। ये एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस रवाना होंगे, जहां शाम को बैठक होगी।
मालूम हो, एग्जिट पोल में मोदी की सरकार बनने के बाद से आडवाणी की भूमिका पर सस्पेंस बना हुआ है। कहा जा रहा है कि उन्हें एनडीए का प्रमुख बनाया जा सकता है, लेकिन वे पहले से इस भूमिका में हैं। इससे पहले मोदी के करीबी अमित शाह ने आडवाणी की भूमिका के सवाल पर कहा था कि इसका फैसला संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा। हालांकि आडवाणी ने खुलकर अभी तक कुछ नहीं कहा है।
उधर, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि आडवाणी हमारे प्रेरणस्रोत हैं और पार्टी के मार्गदर्शक बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सबको साथ लेकर चलना जानते हैं।
First Published: Wednesday, May 14, 2014, 11:17