नई दिल्ली : आजादी के 65 वर्ष बाद देश की आबादी साढ़े तीन गुना बढ़कर 1.20 अरब होने के बीच लोकसभा चुनाव में इस बार पहली दफा मतदान करने वाले लगभग 2.31 करोड़ युवाओं समेत करीब 10 करोड़ नए मतदाता जुड़े हैं जिनके लिए ‘रोजगार’ का मुद्दा और इसकी चिंता सबसे महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 71.4 करोड़ थी जो 2014 में बढ़कर 81.45 करोड़ गई है। 2014 देश के 81.45 करोड़ मतदाताओं में 2.31 करोड़ की आयु 18.19 वर्ष के बीच है जो कुल मतदाताओं का 2.8 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) और मनरेगा के आंकड़ों के मुताबिक, देश में नियमित रोजगार प्राप्त करने वालों का प्रतिशत 17.9 है जबकि 29.9 प्रतिशत दिहाड़ी मजदूर हैं और 52 प्रतिशत स्वरोजगार में लगे हुए हैं। 15 से 59 वर्ष की 23 प्रतिशत महिला किसी न किसी रूप में काम में लगी हैं। कश्मीर पर वार्ताकार रहे और यूजीसी के सदस्य एम एम अंसारी ने इस स्थिति पर गहरा अफसोस व्यक्त किया कि कोई भी राजनीतिक दल बेरोजगारी को कारगर ढंग से नहीं उठा रहा और चुनाव में चर्चा का विषय नहीं बना रहा है।
अंसारी ने कहा, ‘बेरोजगारी बड़ा सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था सीधे प्रभावित होती है। लेकिन यह विषय चुनाव में सिर्फ आंकड़ा उद्धृत करने तक ही सीमित दिख रहा है । देश में शिक्षा में कई तरह की कमियां और खामियां है। कौशल विकास को पर्याप्त तवज्जो नहीं मिल रही है और न ही इसका खाका पेश किया जा रहा है जो बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। चुनाव में बेरोजगारी महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन कोई भी राजनीतिक दल इस विषय को उचित स्थान नहीं दे रहा है।’
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बेरोजगारी निश्चित तौर पर बड़ी समस्या और अहम चुनावी मुद्दा है। भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी अहम चुनावी मुद्दा है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार ने इन सभी मोर्चों पर शानदार सफलता अर्जित की। लेकिन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर पायी है और इस बार भी अपने घोषणा पत्र में पुराने वादे दोहरा रही है। कांग्रेस नेता पी एल पुनिया ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने पिछले 10 वर्ष के शासनकाल में रोजगार सृजन पर काफी जोर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके साथ ही स्कूली स्तर से कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम ढांचा पेश किया है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 28 राज्यों एवं सात केंद्र शासित प्रदेशों में ददरा एवं नगर हेवली में कुल मतदाताओं में 9.88 प्रतिशत युवा मतदाता (18-19 वर्ष) है जबकि झारखंड में कुल मतदाताओं में 9.03 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। अंडमान निकोबार में सबसे कम 1.1 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। हिमाचल प्रदेश में कुल मतदाताओं का 1.3 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। उत्तरप्रदेश में 18-19 वर्ष के 38.1 लाख मतदाता हैं जबकि पश्चिम बंगाल में 20.8 लाख 18.19 आयु वर्ग के मतदाता हैं।
जहां तक 2009 लोकसभा चुनाव के बाद 2014 के चुनाव की मतादाता सूची का सवाल है, इन पांच वर्षों की अवधि में करीब 10 करोड़ नये मतदाता जुड़े हैं। इस अवधि में तमिलनाडु में 29.3 प्रतिशत, हरियाणा में 28 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 19 प्रतिशत नये मतदाता जुड़े हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 6, 2014, 16:05