मनमोहन ने दिया राष्ट्र के नाम संदेश, राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा

मनमोहन ने दिया राष्ट्र के नाम संदेश, राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफानई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मनमोहन सिंह ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपा। राष्ट्रपति ने मनमोहन सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। पीएम ने राष्ट्रपति से 15वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की है।

इसके पहले राष्ट्र के नाम अपने संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने देश की सेवा करने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कोशिश की है और उनका 10 साल का कार्यकाल ‘खुली किताब’ है।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि चुनावों में जनता ने जो फैसला दिया है, उसका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने आगामी सरकार की सफलता की कामना की। अपने कार्यकाल के बारे में सिंह ने कहा कि भारत ने कई सफलताएं और उपलब्धियां देखीं और हमें उस पर गर्व होना चाहिए। पिछले एक दशक में देश काफी मजबूत हुआ है। लेकिन अभी भी विकास की असीम संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में वह अंतिम बार देश को संबोधित कर रहे हैं। दस साल पहले जब उन्हें प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौंपा गया तो कर्मठता को अपना हथियार बनाते हुए और सच्चाई को अपना संकेत दीप बनाते हुए उन्होंने इसे स्वीकार किया और साथ ही ये प्रार्थना भी थी कि वह हमेशा सही काम करें।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर खुद को साधारण परिवार से आया व्यक्ति बताते हुए कहा कि वह ‘बंटवारे के सुविधाहीन बच्चे’ हैं और इस देश का उन पर कर्ज है। उन्होंने कहा कि हमारी इस महान धरती, जिस पर बंटवारे के सुविधाहीन बच्चे से वह शक्ति संपन्न हुए और उच्च पद पर आसीन हुए। ये दोनों ही कर्ज हैं, जिसे वह कभी चुका नहीं पाएंगे और जो सम्मान उन्होंने पाया, उसका उन्हें हमेशा गर्व रहेगा।

सिंह ने कहा कि पद छोडते हुए उनकी स्मृति में वह प्यार और दयालुता हमेशा रहेगा, जो उन्हें जनता से मिला है। सिंह के नेतृत्व में संप्रग-2 के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और घोटालों का सरकार ने सामना किया। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा मैंने कई बार कहा है कि मेरा जीवन और सार्वजनिक पद पर मेरा कार्यकाल खुली किताब है। मैंने अपने इस महान देश की सेवा करने में अपनी ओर से हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।’’

उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में एक देश के रूप में उन्होंने कई सफलताएं और उपलब्धियां देखीं और उस पर उन्हें गर्व है। एक दशक पहले भारत जैसा था, अब वह हर मायने में कहीं अधिक मजबूत देश बन गया है। लेकिन देश में विकास की असीम संभावनाएं हैं और हमें इसे अमली जामा पहनाने के लिए हमें सामूहिक रूप से कार्य करना चाहिए।

भारत के भविष्य के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि वह मानते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बडी शक्ति के रूप में भारत का उभरना ऐसा विचार है, जिसे पाने का समय आ गया है। आधुनिकता और अनेकता में एकता के साथ हमारा देश दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है।

उन्होंने कहा कि देश की सेवा करना उनका सौभाग्य है और उन्हें इससे अधिक कुछ नहीं चाहिए। ‘‘मैं आगामी सरकार की सफलता की कामना करता हूं.. हमारे देश के लिए महान सफलताओं की कामना करता हूं।’’ सिंह ने कहा कि आज जब वह अपना पद छोड रहे हैं तो उन्हें पता है कि अंतिम फैसले जिसका हम सभी सर्वशक्तिमान की ओर से इंतजार करते हैं, उससे पहले जनता की अदालत में फैसला होता है, जिसे सभी निर्वाचित अधिकारियों और सरकारों को मानना होता है।

उन्होंने देशवासियों से कहा कि हममें से हर किसी को उस फैसले का सम्मान करना चाहिए जो आपने दिया है। अभी अभी संपन्न हुए चुनावों ने हमारी लोकतांत्रिक राजनीति की आधारशिला को मजबूत किया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 17, 2014, 10:14
First Published: Saturday, May 17, 2014, 10:14
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