नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के उम्मीदवारों का चुनाव एजेंट बनने को निषेध कर दिया क्योंकि उनके सुरक्षाकर्मी चुनाव में अन्य लोगों को समान अवसर मिलने को अवरूद्ध कर सकते हैं।
आयोग ने कहा कि मेयर, नगर निगम एवं जिला परिषदों पंचायत संघों के अध्यक्ष भी चुनाव, मतदान या मतगणना एजेंट नहीं बन सकते क्योंकि वे बड़ी संख्या में स्थानीय कर्मचारियों को प्रभावित कर सकते हैं जो चुनाव कार्य के लिए तैनात होते हैं। आयोग ने कहा कि यह अनुपयुक्त और समान अवसर प्रदान करने की भावना के प्रतिकूल है।
चुनाव आयोग का निर्देश तब आया जब पुडुचेरी के मुख्य चुनाव अधिकारी ने यह जानना चाहा कि क्या बिना सुरक्षा प्राप्त राज्ससभा सदस्य या विधायक चुनाव एजेंट बन सकते हैं। आयोग ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रियों के अलावा सांसद और विधायक उम्मीदवारों के चुनाव एजेंट नहीं बन सकते हैं क्योंकि उन्हें सुरक्षा प्राप्त होता है जो अन्य उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करने से बंचित करता है। आयोग ने कहा कि किसी अप्रिय स्थिति को देखते हुए केवल चुनाव एजेंट बनने के लिए वह अपनी सुरक्षा को नहीं छोड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 21:40