वाराणसी: शहर में जारी प्रचार की बढ़ती गर्मी के बीच प्रसिद्ध कबीर मठ के प्रमुख ने यहां कहा कि नरेंद्र मोदी इस धर्म नगरी की गंगा-यमुनी तहजीब को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं और उन्होंने चेताया कि इस पवित्र जगह से उनका चुनाव लड़ना यहां की सदियों पुरानी हिन्दू-मुस्लिम एकता को नष्ट कर सकता है।
कबीर चौरा मठ ट्रस्ट के प्रमुख संत विवेक दास आचार्य ने मोदी द्वारा वाराणसी को हिन्दू धार्मिक केंद्र के रूप में रंगने की कोशिश की आलोचना की और कहा कि मौजूदा राजनीतिक विमर्श शहर की पहचान और आत्मा पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने कहा कि यह वाराणसी के लोगों का दुर्भाग्य है कि मोदी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वह विभाजनकारी हैं। मोदी इस पवित्र शहर की गंगा-यमुनी तहजीब को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। कबीरपंथी कबीर चौरा मठ को बहुत पवित्र स्थान मानते हैं और दुनिया भर से श्रद्धालु यहां आते हैं। यह 15वीं सदी के संत, संत कबीर का जन्म स्थान है।
गौरतलब है कि हिन्दू धर्म के दो प्रमुख धार्मिक नेता पुरी शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ और द्वारका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपनांद सरस्वती ने भी मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने का विरोध किया है।
इस धर्मनगरी से मोदी के खिलाफ आप नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय के साथ कई अन्य मैदान में हैं। यहां पर 12 मई को चुनाव होना है। वाराणसी को विभिन्न धार्मिक विश्वासों का संगम और भारत के बुनियादी मूल्यों का प्रतीक बताते हुए आचार्य ने मोदी और भाजपा पर चुनाव में जीत हासिल करने के लिए संकीर्ण विचार अपनाने का आरोप लगाया कि शहर हिन्दू परंपरा का प्रमुख केंद्र रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 2, 2014, 15:04