
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुये वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि उनका पूंजीवाद ‘साठगांठ वाला पूंजीवाद’ हैं और उनके चरित्र में ‘‘गहरे दाग’’ हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा द्वारा अर्थव्यवस्था को लेकर उनके खिलाफ उठाये गये 18 सवालों को ‘बचकाने सवाल’ कहते हुये खारिज कर दिया और जोर देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद पिछले 20 महीनों में मजबूत हुई है।
उन्होंने ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के वित्त मंत्रियों के साथ कारोबारी जगत को बहुत आसानी है लेकिन उद्योगपतियों का एक समूह ऐसा भी हैं जिन्हें नरेन्द्र मोदी का साथ भाता है, क्योंकि मोदी ब्रांड ‘क्रोनी कैपिटलीज्म ’ (साठगांठ वाला पूंजीवाद) है।’’
चिदंबरम ने एक घंटे से कुछ अधिक चली बातचीत के दौरान अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मीडिया के सवालों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श कर सोने के आयात पर प्रतिबंधों में ढील देने विचार करेगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति जारी होने के बाद यह विचार-विमर्श होगा।
गैस मूल्य वृद्धि के चर्चित मुद्दे पर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि गैस के दाम बढ़ाकर दोगुना करने के मंत्रिमंडल के फैसले को मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास भेजने की कोई जरूरत नहीं थी पर सरकार ने यह कदम ‘अतिशय सावधानी’ बरतने के कारण उठाया।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकालों की तुलना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राजग के कार्यकाल में 2002-03 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अपने सबसे निचले 4 प्रतिशत के स्तर पर आ गई थी। वहीं दूसरी ओर 2007-08 में देश ने अपनी सबसे ऊंची वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत हासिल की।
सिन्हा की इस टिप्पणी कि चिदंबरम की चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद शेयर बाजार में उछाल आया, वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि जब यह तेजी तब आई जबकि श्री यशवंत सिन्हा ने चुनाव लड़ने से इनकार किया। ‘‘अब भाजपा कई चीजें कर रही है। मसलन जसवंत सिंह को पार्टी से निकाल दिया है। इसके बाद यह खुशी और आगे बढ़ रही है। आज भी बाजार में जोश रहा।’’
मोदी पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नहीं रह गयी है। यह मोदी के कब्जे वाली भाजपा है। ये ऐसी खतरनाक चीजें हैं जिन्हें देश के लोगों को सतर्कतापूर्वक देखना चाहिए। अगर पार्टी, लोकतंत्र, गणराज्य, मंत्रिमंडल, सरकार हर चीज एक व्यक्ति द्वारा कब्जे में ले ली जाती हैं, तो यह खतरनाक है।
चिदंबरम की यह टिप्प्णी ऐसे समय आयी है जब मोदी ने आज असम में एक चुनावी रैली में सोनिया पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने की मांग की कि केरल के तटीय क्षेत्र में भारतीय मछुआरों को मारने के आरोपी दो इतालवी मरीनों को किसके इशारे पर देश छोड़ने की अनुमति मिली थी। आर्थिक मसलों पर वित्त मंत्री ने कहा कि आज अर्थव्यवस्था 20 माह पहले की तुलना में अधिक मजबूत है। ‘‘मैंने अपने अंतरिम बजट में जो 10 बिंदु रेखांकित किए हैं यदि नई सरकार उनके अनुरूप चलती है, तो हम उत्साहवर्धक वृद्धि देख सकेंगे।’’
चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करने वाले चिदंबरम ने कहा कि अगला वित्त मंत्री मोदी की पसंद का नहीं होगा। ‘‘मैं आखिरी दिन तक मजबूती से काम करूंगा और बाद में यह जिम्मेदारी किसी मजबूत हाथों को सौंपूंगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे को नियंत्रण में रखने में कामयाब रही है। ‘‘हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 300 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। आज हम इसमें 25 अरब डॉलर और जुड़ने की उम्मीद कर रहे हैं। चालू खाते का घाटा पहले 60 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था। अब यह 35 अरब डॉलर रहेगा।’’
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा उठाये गये 18 सवालों पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘इनमें से कई सवाल बिल्कुल बचकाने हैं ... सिन्हा आज भारत के लोगों के जेहन से दूर हो चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि वह वहीं रहेंगे जहां हैं -- यानी जेहन से दूर।’’ सिन्हा ने चिदंबरम पर अर्थव्यवस्था को ‘‘बर्बाद करने ’’ का आरोप लगाते हुये उनसे गिरती आर्थिक वृद्धि, बढ़ती मुद्रास्फीति और रोजगार सृजन के मोर्चे पर कमजोर प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर जवाब मांगे हैं।
सोने के आयात पर अंकुशों में ढील के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले कुछ ढील दी गई है। कुछ और बैंकों को सोने के आयात की अनुमति दी गई है। हम रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श में सोने के आयात पर अंकुशों में कुछ और ढील देंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 31, 2014, 22:28