
देहरादून : नरेंद्र मोदी को महज ‘भीड़ जुटाने में सक्षम’ बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ‘देवभूमि’ के लोग उन्हें वोट नहीं देंगे क्योंकि भाजपा यह बताने में नाकाम रही है कि उनके पास मोदी के अलावा कुछ मुद्दे भी हैं। मंदिरों और तीर्थयात्रा स्थलों के कारण देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड की पांचों सीटों पर मतदान सात मई को होना है। चुनाव अभियान में व्यस्त रावत ने राज्य में किसी तरह की मोदी लहर से इंकार किया।
उन्होंने कहा, मुझे पहाड़ों पर कोई मोदी लहर नजर नहीं आ रही। वह अपनी रैलियों में भीड़ जुटा रहे हैं लेकिन मुझे शक है कि ये वोट में बदलेगी। मोदी सिर्फ भीड़ जुटा सकते हैं। जहां तक उत्तराखंड का सवाल है तो लोगों से जुड़ने के लिये स्थानीय मसलों पर बात करना जरूरी है और यहां हवा का रूख हमारे पक्ष में है।’’ रावत ने पांचों सीटों पर जीत का यकीन जताया।
उन्होंने कहा, हम सभी पांच सीटों पर अच्छी स्थिति में हैं। मैने खुद राज्य भर में 50 से अधिक रैलियां की है और लोगों की प्रतिक्रिया देखी है। उन्होंने कहा, भाजपा यह साबित करने में नाकाम रही है कि उसके पास मोदी के अलावा भी कुछ है। स्थानीय स्तर पर वह मतदाताओं से उस तरह नहीं जुड़ी है , जैसे हम। सत्ता में रहते हुए उन्होंने कुछ नहीं किया और अब उनके उम्मीदवार भी कहते फिर रहे हैं कि हमें नहीं, मोदी को वोट दो।
रावत ने 1977 की कांग्रेस विरोधी लहर का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी पार्टी 154 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि इस बार वैसी लहर भी नहीं है। उन्होंने कहा, 1977 में मजबूत कांग्रेस विरोधी लहर थी लेकिन पार्टी ने 154 सीटें जीती। इस बार तो वैसी लहर भी नहीं है लिहाजा हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। लहर उन्हीं के पक्ष में काम करती है जिनके पास अपना बताने के लिये भी कुछ हो।
नैनीताल सीट पर 1980 में भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर लोकसभा में पदार्पण करने वाले रावत ने इस बात से भी इनकार किया कि पिछले साल केदारनाथ त्रासदी से निपटने में विजय बहुगुणा सरकार की नाकामी के कारण राज्य में सत्ता विरोधी लहर है। बहुगुणा के इस्तीफे के बाद रावत फरवरी में मुख्यमंत्री बने।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार के खिलाफ कोई लहर नहीं है क्योंकि पिछले दो महीने में हमने काफी काम किया है मसलन विस्थापन पैकेज, स्व रोजगार के लिये सब्सिडी वगैरह। केदारनाथ त्रासदी अब कोई मसला नहीं है क्योंकि लोग आगे की सोच रहे हैं। रावत ने यह भी कहा कि सतपाल महाराज के भाजपा से जुड़ने का कांग्रेस पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, यह तो हमारे लिये सकारात्मक हो गया है। जिस तरह से पौड़ी में हमारे उम्मीदवार हरकसिंह रावत को जन समर्थन मिल रहा है, उससे यह बात साबित हो गई है। कार्यकर्ता भी राहत महसूस कर रहे हैं क्योकि सतपाल महाराज उनसे घुलते मिलते ही नहीं थे।
प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी में मतभेद होते हैं। उन्होंने कहा, भाजपा में तो हमसे ज्यादा है लिहाजा उन्हें तीन पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली भेजने पड़े। कांग्रेस में एक बार आलाकमान ने कह दिया तो सब र्ढे पर आ जाता है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 3, 2014, 13:49