नरेंद्र मोदी की पत्‍नी 'जशोदाबेन': कांग्रेस ने किया कटाक्ष तो भाई ने किया बचाव

नरेंद्र मोदी की पत्‍नी `जशोदाबेन`: कांग्रेस ने किया कटाक्ष तो भाई ने किया बचाववडोदरा : प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने पहली बार खुद को विवाहित घोषित करते हुए अपनी पत्नी के रूप में जशोदाबेन के नाम का खुलासा किया है। इस पर जहां कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष किया वहीं मोदी के भाई ने उनका बचाव करते हुए विवाह को एक ‘सामाजिक औपचारिकता’ बताया।

वडोदरा लोकसभा सीट से अपने नामांकन पत्र के साथ कल दाखिल किए गए हलफनामे में गुजरात के 63 वर्षीय मुख्यमंत्री ने लिखा है कि वह विवाहित है। अभी तक मोदी हलफनामे के वैवाहिक स्थिति बताने वाले कालम को खाली छोड़ते आ रहे थे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इस कालम में कुछ नहीं लिखा था।

लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हलफनामे के जिस कालम में अपने पति या पत्नी की संपत्ति घोषित करनी होती है वहां मोदी ने लिखा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वडोदरा जिला चुनाव प्राधिकरण ने आधी रात को कलेक्टरेट पर नोटिस बोर्ड पर यह हलफनामा चिपकाया।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि मोदी ने अपना वैवाहिक दर्जा स्वीकार किया है। क्या देश की महिलाएं ऐसे व्यक्ति पर विश्वास कर सकती हैं जो किसी महिला की जासूसी करता हो, अपनी पत्नी को उनके अधिकार से वंचित रखता हो।

गौर हो कि जशोदाबेन 62 वर्ष की सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं। मोदी का विवाह बहुत युवावस्था में हो गया था। युवा आरएसएस प्रचारक बनने के कारण घर छोड़ देने के चलते मोदी वैवाहिक संबंध से अलग हो गये थे। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा महिला की जासूसी का उल्लेख गुजरात पुलिस द्वारा एक महिला की निगरानी की ओर परोक्ष संकेत है। यह काम कथित रूप से राज्य सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की ओर से करवाया गया। इस विवाद को विराम देने के मकसद से मोदी के बड़े भाई सोमाभाई ने कहा कि विवाह को एक सामाजिक औपचारिकता के रूप में देखा जाना चाहिए जो करीब 50 साल पहले हुई था।

भाजपा द्वारा मीडिया के लिए जारी एक बयान में सोमाभाई ने कहा कि हमारे अभिभावक अधिक पढ़े लिखे नहीं थे और हमारा गरीब परिवार था। उनके लिए नरेन्द्र भी किसी अन्य बच्चे की तरह था। इस परिप्रेक्ष्य में हमारे अभिभावकों ने उसका विवाह कम उम्र में जशोदाबेन से करवा दिया लेकिन यह महज एक सामाजिक औपचारिकता थी। उन्होंने कहा कि मोदी, ने घर छोड़ने के बाद परिवार के साथ कोई संपर्क नहीं रखा। सोमाभाई ने कहा कि देशसेवा उसका एकमात्र धर्म है। लिहाजा उसने घर और भौतिक सुखों का त्याग कर दिया। उसका विवाह महज एक सामाजिक औपचारिकता थी क्योंकि उसने विवाह के कुछ समय बाद ही घर छोड़ दिया था।

मोदी के भाई ने कहा कि जशोदाबेन भी अपने पिता के घर पर रह रही हैं और उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में काम कर अपना जीवन बिताया। उन्होंने कहा कि 40-45 साल पहले हुई घटना (मोदी के विवाह) को एक गरीब और पारंपरिक रूप से पुरातनपंथी परिवार की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 10, 2014, 19:13
First Published: Thursday, April 10, 2014, 19:13
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