ज़ी मीडिया ब्यूरोश्रीनगर : नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता पर उन्हें और उनके परिवार को भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।
भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार ने आज दिन में कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता को सबसे बड़ी क्षति कश्मीर में पहुंची है जहां कश्मीरी पंडितों को उनके धर्म के कारण घाटी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया। मोदी के इस बयान की आलोचना करते हुए उमर ने कहा कि भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार ने अपने बयान से सभी कश्मीरियों का अपमान किया है।
उमर ने कहा, `मोदी जी मुझे, मेरे खानदान और कश्मीरियों को आपसे धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।` उमर ने कहा, `हमें खुशी है कि आप (मोदी) ने हमें धर्मनिरपेक्षता पर प्रमाणपत्र नहीं दिया, नहीं तो हमें इस्तीफा देना पड़ जाता।`
ज्ञात हो कि मोदी ने अपने ट्वीट में आज कहा कि फारूख अब्दुल्ला को खुद को और अपने परिवार को आइना में देखना चाहिए और देखना चाहिए कि कैसे उन्होंने जम्मू-कश्मीर को बरबाद किया। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि डॉ अब्दुल्ला, अगर किसी ने इतिहास में भारत की स्वर्णिम संस्कृति को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है तो वह आप और आपका परिवार है। मोदी ने लिखा कि हम सेक्युलर हैं, इसलिए नहीं कि हमारे संविधान में यह शब्द लिखा है, सेक्युलरिज्म हमारे खून में है।
मोदी ने कहा कि देश में कश्मीर एक ही है, जहां से पंडितों को धर्म के आधार पर निकाल दिया गया। कश्मीर सूफी परंपरा की भूमि थी जिसे अब्दुल्ला परिवार ने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए संप्रदाय के रंग से रंग दिया।
गौर हो कि फारुक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि मोदी को वोट देने वालों को समुद्र में डूब जाना चाहिए। उन्होंने बीजेपी की ओर संकेत करते हुए कहा था कि अगर देश में सांप्रदायिक ताकतें हावी हो गईं, तो कश्मीर कभी भारत के साथ नहीं रहेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Monday, April 28, 2014, 17:30