ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर पहली बार बोले। उन्होंने दाऊद को पकड़ने को लेकर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा, क्या मीडिया में बयान देकर दाऊद को पकड़ा जाएगा?
नरेंद्र मोदी ने एक गुजराती न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में दाऊद इब्राहिम पर पहली बार अपने मन की बात कही। दाऊद पर अपने प्लान के बारे में कहा कि क्या उसे लाने के पहले अखबार में खबर देनी होगी? मोदी ने कहा कि लादेन को पकड़ने के लिए क्या अमेरिका ने कोई प्रेस नोट जारी किया था? क्या ओबामा ने लादेन को पकड़ने के लिए तारीख और समय की पहले ही घोषणा की थी।
मोदी के इस बयान से माना जा रहा कि उन्होंने इसके लिए कोई सीक्रेट प्लान बना रखा है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर उनकी प्राथमिकताओं में दाऊद को पकड़कर भारत लाना भी शामिल होगा। चुनावी मौसम में दाऊद का नाम पहली बार नरेंद्र मोदी ने लिया है, लेकिन मोदी कह रहे हैं कि इन बातों का ढिंढोरा नहीं पीटा जाता। हालांकि मोदी ने ये तो वादा नहीं किया वह पाकिस्तान से दाऊद को लेकर आएंगे, लेकिन सवाल जरूर उठ रहे हैं कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो क्या दाऊद को वैसे ही हिंदुस्तान वापस लाएंगे जैसे लादेन के साथ अमेरिका ने किया था। मोदी के तेवरों से अब उम्मीद जग रही है कि दाऊद को भारत वापस लाया जा सकता है।
दाऊद को पकड़कर लाने की बात सुशील कुमार शिंदे के उस बयान से निकलती है जिसमें इसी साल जनवरी में उन्होंने दाऊद को भारत लाने के लिए अमेरिका की मदद मांगने की बात कबूली थी। तब तत्कालीन गृह सचिव आरके सिंह ने ऐसी किसी बातचीत होने से इनकार किया था। अब आरके सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं और एक बार फिर दाऊद का जिन्न बाहर निकल आया है।
मुंबई का के माफिया से आतंकवादी बने भगोड़े दाऊद इब्राहिम ने जुर्म की दुनिया में कदम 70 के दशक के आखिर में रखा था। तब वह सोने की तस्करी करता था। दाऊद शुरुआत में हाजी मस्तान गैंग में भी था। बाद में दाऊद ने खुद का गैंग खड़ा कर लिया। सोने की तस्करी करते करते दाऊन ड्रग्स, अपहरण, फिरौती और हवाला के कारोबार में भी उतर गया। 1993 बम ब्लास्ट के पीछे दाऊद इब्राहिम का बड़ा हाथ था, धमाकों के आरोपियों में दाऊद का भी नाम है। धमाकों के मास्टर माइंड टाइगर मेमन ने दाऊद के गैंग की मदद से ही मुंबई में ब्लास्ट कराए थे। अस्सी के दशक के आखिर में दाऊद पर जब मुंबई पुलिस का शिकंजा कसा तो वो मुंबई से दुबई भाग गया। दाऊद ने दुबई में डी कंपनी के नाम से कारोबार किया। बाद में जब उस पर इंटरपोल का शिकंजा कसने लगा तो उसको पाकिस्तान ने शरण दे दी।
दाऊद पर ये भी आरोप है कि उसने 2008 में मुंबई हमले में भी आतंकियों की मदद की थी। दाऊद पर अल कायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे बड़े आतंकी संगठनों की मदद का आरोप भी है` अमेरिका ने दाऊद को ग्लोबल आतंकवादियों की लिस्ट में भी डाला हुआ है। खुफिया सूत्रों के अनुसार दाऊद पिछले करीब 20 सालों से पाकिस्तान में है, लेकिन अब तक भारत सरकार और दुनिया की पुलिस दाऊद को पकड़ नहीं पहुंच सकी है, क्योंकि लादेन की तरह ही दाऊद पर पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी का वरदहस्त है।
First Published: Saturday, April 26, 2014, 12:37