वाराणसी में मोदी की रैली को इजाजत से इनकार, बीएचयू के बाहर बीजेपी का धरना आज

by Bimal kumar
वाराणसी में मोदी की रैली को इजाजत से इनकार, बीएचयू के बाहर बीजेपी का धरना आजज़ी मीडिया ब्‍यूरो/बिमल कुमार

वाराणसी : निर्वाचन आयोग की ओर से बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी को भाजपा के पसंदीदा स्थल पर रैली की अनुमति देने से इनकार किए जाने के बाद पार्टी और आयोग के बीच ठन गई। बीजेपी ने मोदी के यहां के गुरुवार के सभी कार्यक्रमों को रद्द करते हुए आज से प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेनियाबाग में मोदी की रैली की अनुमति न देने के खिलाफ वह और अमित शाह गुरुवार को बीएचयू के बाहर धरने पर बैठेंगे और सत्याग्रह करेंगे। मोदी को आज बेनियाबाग में सभा करने की अनुमति नहीं दिए जाने से नाराज भाजपा ने वहां के निर्वाचन अधिकारी को ‘अत्यधिक पक्षपाती और प्रचार में बाधा’ बताते हुए चुनाव आयोग से उन्हें तुरंत हटाने की मांग की।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस संबंध में चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि ‘वाराणसी संसदीय क्षेत्र’ के निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव इतने अधिक पक्षपाती हैं कि अगर वह अपने पद पर बने रहे तो इस संसदीय क्षेत्र में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराना संभव नहीं होगा। पार्टी ने इसके साथ ही वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी तथा जिला मजिस्ट्रेट प्रांजल यादव को तत्काल हटाए जाने की मांग की है जिन्होंने देर रात कहा कि उन्होंने भाजपा की ओर से मांगी गई पांच कार्यक्रमों की अनुमति में से चार के लिए अनुमति प्रदान की थी। पार्टी ने हालांकि इस कदम को नकारते हुए कहा कि यह अनुमति काफी देर से दी गई है।

बेनियाबाग में रैली की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर जहां बीजेपी ने आयोग पर हमला बोला है वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी मोदी की सोमवार को अमेठी में आयोजित रैली के जवाब में यहां दस मई को एक रोड शो करेंगे। रोड शो के लिए चुनाव प्रशासन को आवेदन दिया गया है। बीजेपी ने चुनाव आयोग पर मूकदर्शक बने रहने और मोदी को रैली आयोजित करने की मंजूरी नहीं देने संबंधी चुनाव अधिकारी की भूमिका के ‘काफी पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप लगाया। निर्वाचन अधिकारी ने अपनी इस कार्रवाई के लिए संभावित सांप्रदायिक तनाव संबंधी खुफिया रिपोटरें का हवाला दिया था। भीड़भाड़ वाले बेनियाबाग इलाके में जहां भाजपा ने रैली की अनुमति मांगी थी, वहां सांप्रदायिक तनाव का रिकार्ड रहा है और कानून व्यवस्था संबंधी घटनाएं होने की आशंका रही है। भाजपा इस बात पर जोर दे रही थी कि वह इसी स्थान पर रैली आयोजित करेगी, कहीं और नहीं।

गौर हो कि मोदी का गुरुवार शाम में बेनियाबाग में चुनावी रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम था। इसके पहले वह वाराणसी के ग्रामीण इलाके रोहानिया में एक रैली को संबोधित करने वाले थे। बेनियाबाग में रैली की अनुमति न दिए जाने के पीछे चुनाव अधिकारियों का कहना है कि यह भीड़भाड़ वाला इलाका है और ईबी का इनपुट है कि मोदी की सुरक्षा को खतरा है। यही नहीं, मोदी को गंगा आरती में भी शामिल होने की मंजूरी नहीं दी गई है। उधर, जेटली ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर से पता किया है कि आईबी का कोई इनपुट नहीं है। आईबी की तरफ से केवल सामान्य निर्देश हैं।


उधर, निर्वाचन आयोग ने मोदी को आज वाराणसी में उनके कार्यक्रमों के लिए अनुमति से इनकार किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने के भाजपा के फैसले पर हैरानी और निराशा जताई। अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि आयोग द्वारा ‘कानून के अनुसार और जमीनी हालात के अनुसार’ मामले को सुलझाए जाने के प्रयासों के बावजूद प्रदर्शनों की घोषणा की गई है।

निर्वाचन आयोग में प्रधान सचिव आरके श्रीवास्तव ने कहा कि पहले एक भाजपा प्रतिनिधि विद्यासागर राय ने छह मई को वैकल्पिक स्थान की अपील की थी, जेटली ने बाद में निर्वाचन अधिकारी से अनुमति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने को कहा। पत्र में कहा गया है कि पूरे मामले में, आयोग ने केवल जिला मजिस्ट्रेट की राय पर आगे बढ़ने का फैसला नहीं किया बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव तथा डीजीपी से भी विचार विमर्श किया गया जिन्होंने (बेनिया बाग) मैदान की क्षमता समेत सुरक्षा और उपयुक्तता जैसे पहलुओं की भी तस्दीक की। पत्र में कहा गया है कि आप इसकी सराहना करेंगे कि आयोग सक्षम प्राधिकार की ओर से जाहिर की गई सुरक्षा चिंताओं को अनदेखा नहीं कर सकता।
First Published: Thursday, May 8, 2014, 09:24
First Published: Thursday, May 8, 2014, 09:24
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