
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में कुछ दिक्कत आ रही है क्योंकि दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में खड़े होने वाले गठबंधन उम्मीदवारों के लिए काम नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं।
यह दरार तब सामने आयी जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मेडिकल शिक्षा मंत्री ताज मोईउद्दीन ने दावा किया कि उरी में नेशनल कान्फ्रेंस के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी उम्मीदवार शरीफुद्दीन शरीक के लिए मतदान नहीं किया। विधानसभा में उरी का प्रतिनिधित्व करने वाले मोईउद्दीन ने कहा, ‘नेशनल कान्फ्रेंस के मतों की हिस्सेदारी दो हिस्सों में बंट गई है। नेशनल कान्फ्रेंस के 50 फीसदी कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फर हुसैन बेग (पीडीपी उम्मीदवार) के पक्ष में मतदान किया।’
मंत्री के इस दावे पर उरी से नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य मोहम्मद शफी ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी और मोईउद्दीन पर ‘अपनी असफलता को छुपाने का आरोप लगाया।’ उन्होंने कहा, ‘वह (मोईउद्दीन) अपनी सफलता छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। नेशनल कान्फ्रेंस पर आरोप लगाने से पहले उन्हें यह समझाना चाहिए कि कांग्रेस से जुड़े 12 पंचायत प्रतिनिधियों ने बेग से मिलकर चुनाव में समर्थन का भरोसा दिया।’
राज्यसभा सदस्य शफी ने यह भी कहा कि उरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बारामुला संसदीय क्षेत्र में पीपुल्स कान्फ्रेंस उम्मीदवार सलामुद्दीन बजाद के पक्ष में किया। कांग्रेस के करीब 20 सरपंच इस मुद्दे में शामिल हुए और शफी पर अपने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
सरपंचों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘उनके (शफी के) पुत्र मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा संबोधित जनसभा में भी उपस्थित नहीं थे। नेशनल कान्फ्रेंस के कई कार्यकर्ताओं के पीडीपी के पोलिंग एजेंट के रूप में कार्य करने की जानकारी है।’ पंचायत नेताओं ने पीडीपी उम्मीदवार के साथ चाय पर मुलाकात करना स्वीकार किया और दावा किया कि उन्होंने बेग के समर्थन अनुरोध को सीधे सीधे ‘ना’ कह दिया था क्योंकि उनके पास कांग्रेस आलाकमान से गठबंधन उम्मीदवार शरीक के समर्थन में काम करने का निर्देश था।
कांग्रेस के कई नेताओं और सहयोगियों ने स्वीकार किया है कि पार्टी समर्थकों ने घाटी में लोकसभा की तीन सीटों पर नेशनल कान्फ्रेंस के तीन उम्मीदवारों के पक्ष में पूर्णरूप से मतदान नहीं किया। कांग्रेस नेता एवं पर्यटन मंत्री गुलाम अहमद मीर ने स्वीकार किया कि पार्टी नेता अपने काडर को नेशनल कान्फ्रेंस के अनंतनाग उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित नहीं कर पाये। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 11, 2014, 21:36