
मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में राकांपा प्रमुख शरद पवार के लिए कोई जगह नहीं है और उन्हें भरोसा है कि चुनाव के बाद भी राजग को पवार के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के साथ अपने साक्षात्कार के दूसरे हिस्से में उन्होंने कहा, ‘मैंने, गोपीनाथ मुंडे, रामदास आठवले और राजू शेट्टी ने राजग में पवार के प्रवेश का विरोध किया था और राजग में शामिल होने का उनका सपना चुनाव से पहले ही टूट गया।’ शिवसेना सुप्रीमो ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि चुनाव के बाद हमें बाहरी समर्थन की जरूरत पड़ेगी और निश्चित रूप से पवार की राकांपा की नहीं ही पड़ेगी। अगर जरूरत भी होगी, तो यह संभव नहीं होगा।’ ठाकरे ने कहा कि भाजपा नीत राजग के जो लोग पवार की तारीफ कर रहे हैं वे पहले उन किसानों के परिवारों से मुलाकात करें जिन्होंने खुदकुशी की है।
उन्होंने सूखा और बेमौसम की बारिश से प्रभावित किसानों की मदद करने में विफलता पर कांग्रेस-राकांपा सरकार की आलोचना की।
उद्धव से जब पूछा गया कि अगर चुनाव के बाद राकांपा के समर्थन की जरूरत हुई तो इसपर उनकी शिवसेना का रूख क्या होगा तो उन्होंने कहा, ‘यह स्थिति नहीं आई है और ना ही संभव है। पवार भी संप्रग के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर का हिस्सा हैं। मुझे लगता है कि उनके उम्मीदवार नहीं जीतेंगे। इसके अलावा, हमें उनकी पार्टी के एक या दो सांसदों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी क्योंकि यह मतदाताओं के साथ वादाखिलाफी होगी।’
शिवसेना नेता ने स्याही संबंधी पवार की विवादस्पद टिप्पणी पर कहा, ‘राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में वह टिप्पणी की थी। कल्पना करें कि अगर इस तरह की टिप्पणियां हल्के-फुल्के अंदाज में की गई हैं तो वे गंभीर रूप से क्या कर सकते हैं।’ उद्धव ने आरोप लगाया, ‘व्यापक नाराजगी के बावजूद इन तमाम वर्ष में कांग्रेस-राकांपा की जीत इस फर्जीवाड़े के चलते है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन मजबूत है और राज्य में अतिरिक्त पार्टियों का सहयोग समाज के विभिन्न तबकों की नुमाइंदगी करता है।
शिवसेना नेता ने कहा, ‘आठवले दलितों की नुमाइंदगी करते हैं, शेट्टी किसानों की, महादेव जनकर की ढंगर समुदाय में मजबूत हिमायत है, विनायक मेते मराठा समुदाय से हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, March 31, 2014, 15:33