चुनाव में कई नेताओं की संतानों को जनता ने नकारा

नई दिल्ली : हाल में सम्पन्न हुए हुए लोकसभा चुनाव में कई कांग्रेस नेताओं के बेटे और बेटियां अपने पारिवारिक राजनीतिक गढ़ को कायम रखने में नाकाम रहे। पार्टी का अब तक का यह ऐतिहासिक निराशाजनक प्रदर्शन रहा। इस चुनाव में पार्टी 543 सीटों में से केवल 44 सीटों तक सिमट कर रह गयी।

चुनाव हारने वाले प्रमुख नेताओं में सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम, संदीप दीक्षित, मिलिंद देवड़ा, प्रिया दत्त और जितिन प्रसाद शामिल रहे। सचिन पायलट पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिवंगत राजेश पायलट के पुत्र हैं। वे राजस्थान के अजमेर निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी थे। सचिन सत्ता से बाहर हुई संप्रग सरकार में कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। सचिन पायलट भाजपा के संवर लाल जाट से लगभग एक लाख 71 हजार मतों के अंतर से पराजित हुए।

वित्तमंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति भी तमिलनाडु के शिवगंगा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गए। शिवगंगा सीट से अपनी चुनावी पारी की शुरुआत कर रहे कार्ति 1,04,678 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे। इस सीट को पिछली लोकसभा में उनके पिता ने प्रतिनिधित्व किया था।

इस निर्वाचन क्षेत्र से ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम’ प्रत्याशी सेंथिलनाथन पीआर विजयी रहे। केरल की राज्यपाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से हार गए। संदीप को महेश गिरी (5,72,201 मतों) ने पराजित किया और वे 2,03,240 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। आम आदमी पार्टी के राजमोहन गांधी को 3,81,739 मत प्राप्त हुए।

महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और संप्रग सरकार में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहे मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा दक्षिण-मुंबई सीट बचाने में नाकाम रहे। मिलिंद संचार और सूचना तकनीक मामलों के राज्यमंत्री और जहाजरानी मंत्री थे। उन्हें शिवसेना के अरविंद सावंत ने 1,28,148 मतों के अंतर से पराजित किया। पूर्व कांग्रेस मंत्री और पूर्व अभिनेता सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त महाराष्ट्र की मुंबई-उत्तर-मध्य सीट से हार गईं। प्रिया को भाजपा की पूनम महाजन (दिवगंत भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी) ने 1,86,771 मतों के अंतर से पराजित किया।

दिवंगत कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश की धरौहरा सीट गंवा बैठे। जितिन सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री थे, उन्होंने शनिवार को ही अपना पद त्यागा। जितिन 1,70,994 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे। इस सीट से भाजपा की रेखा विजयी रहीं।

उत्तर प्रदेश में सहारनपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को भाजपा के राघव लखनपाल ने 65,090 मतों के अंतर से हराया। इमरान हाल ही में राज्यसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए गए राशिद मसूद के बेटे हैं। राशिद मसूद को उच्चतम न्यायालय ने एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिया था।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत चौधरी बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से हार गईं। वे 2,68,115 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहीं। इस सीट से भाजपा के धरमबीर (4,04,542 मत) विजयी रहे। उन्होंने इसी सीट से प्रत्याशी रहे इंडियन नेशनल लोकदल के बहादुर सिंह (2,75,148 मत) को भी पराजित किया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 18, 2014, 13:18
First Published: Sunday, May 18, 2014, 13:18
comments powered by Disqus

ओपिनियन पोल

क्‍या चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना चाहिए?