चेहरा नहीं, मुद्दों के आधार पर वोट : जयंत चौधरी

चेहरा नहीं, मुद्दों के आधार पर वोट : जयंत चौधरीमथुरा : मथुरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कड़े मुकाबले का सामना कर रहे वर्तमान सांसद जयंत चौधरी ने स्वीकार किया है कि उनकी प्रतिद्वंद्वी एवं गुजरे जमाने की बॉलीवुड ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी की छवि लोगों को आकर्षित करने वाली है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र से वास्तविक संबंध है और लोग चेहरा नहीं, बल्कि मुद्दों के आधार पर वोट देंगे।

राष्ट्रीय लोकदल के 35 वर्षीय नेता और पार्टी प्रमुख अजित सिंह के पुत्र मथुरा तथा उन सात अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं जहां पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वह अपने खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बात से इनकार करते हैं।

चौधरी ने भाजपा से अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी, जिन्होंने पिछले चुनाव में उनके लिए प्रचार किया था, पर हमला बोलते हुए कहा, ‘गंभीर राजनीति को गंभीर लोगों की जरूरत है, न कि चेहरों की। यह आसान नहीं है, यह भूमिका निभाने जैसा नहीं है। आपको अपना दिल खोलना होता है और अपने लोगों के बीच रहना होता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह वैसा नहीं है कि आप मास्क पहन लें और कुछ संवाद दोहरा दें तथा जनता आपके साथ आ जाएगी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा द्वारा उनके खिलाफ हेमा मालिनी को उतारे जाने से उनकी संभावना कमजोर हो सकती है, चौधरी ने कहा कि संसद में उनका प्रदर्शन, राज्यसभा में हेमा मालिनी के प्रदर्शन से काफी बेहतर रहा है ।

चौधरी ने कहा, ‘मुझे लोगों के साथ रहने, उनसे मिलने और उनसे बात करने में कोई समस्या नहीं है जो मैंने अपने प्रचार अभियान से साबित किया है। जहां तक संसद में प्रदर्शन की बात है, तो वह (हेमा मालिनी) सात साल तक सांसद रही हैं, जबकि मैंने केवल एक कार्यकाल पूरा किया है। मेरी 80 प्रतिशत से अधिक हाजिरी है।’ उन्होंने कहा, ‘वह (हेमा मालिनी) राजनीति में कोई नया चेहरा नहीं हैं। वह सिर्फ चुनाव पहली बार लड़ रही हैं। क्या उन्होंने मथुरा से संबंधित कोई सवाल पूछा या शहर के लिए कोई धन खर्च किया।’ सांसद पर भाजपा तथा अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों का आरोप है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संपर्क में नहीं रहते। जयंत चौधरी आरोप को खारिज करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह सच नहीं है कि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र को नहीं देखा। मैं बहुत से गांवों में गया हूं, लेकिन मथुरा में 17 लाख मतदाता और 2,300 गांव हैं और हर जगह जाना असंभव है। मैंने संसद में अपना काम गंभीरता से किया।’ चौधरी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मेरे साथ सत्ता विरोधी लहर कोई मुद्दा है। हेमा जी बाहरी हैं और अदाकारा हैं। लोग सिर्फ उन्हें सुनने जाते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 13, 2014, 11:52
First Published: Sunday, April 13, 2014, 11:52
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