ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के दूरदर्शन के लिए दिए इंटरव्यू को लेकर खासा विवाद शुरू हो गया है। दूरदर्शन के जिस पत्रकार ने मोदी का इंटरव्यू किया था उसने ट्वीट किया है कि पूरा इंटरव्यू प्रसारित किया जाना चाहिए था। दूसरी ओर, प्रसार भारती के CEO जवाहर सरकार ने माना कि दूरदर्शन पर दिखाए नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू के कुछ अंश संपादित किए थे।
पत्रकार आलोक श्रीवास्तव ने हालांकि कहा है कि वह अंतिम निर्णय लेने वाले व्यक्ति नहीं हैं। 30 अप्रैल को ट्विटर पर डाले गए एक पोस्ट में श्रीवास्तव ने कहा है ‘मूल इंटरव्यू 56 मिनट का था लेकिन मुझे केवल आधे घंटे का ही समय मिला। इसलिए हमने 34 मिनट का प्रसारण किया।’ उन्होंने उसी दिन और ट्वीट डाले और कहा कि उन्हें लगता है कि पूरा इंटरव्यू प्रसारित किया जाना चाहिए था। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि इंटरव्यू का महत्वपूर्ण हिस्सा संपादित नहीं किया जाना चाहिए था।
प्रसार भारती के CEO ने मंत्री मनीष तिवारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि दूरदर्शन को स्वायत्तता दिलाने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। दूरदर्शन का प्रबंधन भी संभालने वाले जवाहर सरकार ने प्रसार भारती बोर्ड के सदस्यों को लिखकर मोदी के इंटरव्यू से जुड़े हालात के बारे में सूचित किया। कुछ टिप्पणियां साफ तौर पर संपादित की गई। दूरदर्शन व आकाशवाणी के महानिदेशकों की नियुक्ति संबंधी नियम बदलने और बाहरी पेशेवरों को लाने की प्रसार भारती की पहल सफल होती तो इस एक इंटरव्यू से लोगों की इस तरह की आलोचनाएं न झेलनी पड़तीं।
दूरदर्शन के लिए श्रीवास्तव ने मोदी का साक्षात्कार किया था। चैनल ने साक्षात्कार का वह हिस्सा नहीं दिखाया जिसमें भाजपा नेता ने प्रियंका गांधी और अहमद पटेल के बारे में बोला था। इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है।
First Published: Saturday, May 3, 2014, 09:40