लखनऊ : केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के. रहमान खान ने कांग्रेस द्वारा अपने अतिरिक्त चुनाव घोषणा पत्र में मुसलमानों को अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटे से साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण के वादे का बचाव करते हुए कहा कि इसे तुष्टीकरण की संज्ञा नहीं दी जानी चाहिए।
खान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस द्वारा ‘अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण’ विषय पर जारी अतिरिक्त घोषणा पत्र में मुसलमानों को साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण देने को विपक्षी दलों द्वारा तुष्टीकरण करार दिये जाने सम्बन्धी सवाल पर कहा, ‘यह कोई राजनीतिक खेल या तुष्टीकरण नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में इसका वादा किया था। अगर आप देखें तो हमने कहा था कि अगर फिर से संप्रग सरकार सत्ता में आयी तो कर्नाटक आरक्षण मॉडल लागू किया जाएगा।’
खान ने कहा, ‘यह बात अलग है कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया। अब यह मामला उच्चतम न्यायालय में है। जहां तक दलित मुसलमानों का सवाल है तो यह मामला भी उच्चतम न्यायालय में लम्बित है।’ गौरतलब है कि मुसलमान मतदाताओं को रिझाने के लिये कांग्रेस द्वारा जारी ‘अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण’ विषय पर आधारित अतिरिक्त घोषणा पत्र जारी किया है जिसमें पिछड़े मुसलमानों को अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया है।
खान ने मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दुर्दशा को बयान करने वाली सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने के आरोपों को गलत बताते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण इससे जुड़ी योजनाएं पात्र लोगों तक नहीं पहुंच सकीं। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 25, 2014, 18:44