मनमोहन के सम्मान में सोनिया ने दिया रात्रिभोज, राहुल गांधी नदारद

मनमोहन के सम्मान में सोनिया ने दिया रात्रिभोज, राहुल गांधी नदारदज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 10 साल का लंबा कार्यकाल खत्म हो रहा है। बुधवार रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके सम्मान में एक भोज दिया। इस भोज में मनमोहन सरकार के सभी मंत्री, राज्य मंत्री और पार्टी के सभी बड़े नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। मनमोहन सिंह अपनी पत्नी गुरुशरण कौर के साथ पहुंचे थे। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस भोज में शामिल नहीं हुए।

पीएमओ सूत्रों ने देर रात बताया कि राहुल ने शनिवार को यह कहने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी कि वह शहर में नहीं रहेंगे और उन्होंने पहले ही उनका शुक्रिया अदा किया है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल विदेश यात्रा पर गए हैं और शुक्रवार को लोकसभा चुनावों की मतगणना शुरू होने से पहले वापस आ जाएंगे।

राहुल की गैरमौजूदगी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चांदी का एक प्रतीक चिह्न देकर कांग्रेस पार्टी ने सम्मानित किया और उनके दस वर्षों के सफल नेतृत्व के लिए आभार भी जताया। प्रतीक चिह्न में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी के 38 लोगों के हस्ताक्षर हैं। इनमें अहमद पटेल, एके एंटनी, पी. चिदंबरम, एसएम कृष्णा, कपिल सिब्बल आदि हैं। इस मौके पर बेहद भावुक हो रहे प्रधानमंत्री ने पार्टी और अपनी सरकार के मंत्रियों के प्रति अपना आभार प्रकट किया।

यह पूछे जाने पर कि राहुल ने रात्रिभोज में हिस्सा क्यों नहीं लिया तो केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा कि उन्हें इसके कारणों का पता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्यों हिस्सा नहीं लिया।’ राहुल की अनुपस्थिति के बारे में जब एक और केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसपर राजनीति की जा रही है।’

सिंह लोकसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के एक दिन बाद 17 मई को पद छोड़ देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए 22 मई, 2009 को पद संभाला था और उन्हें जवाहरलाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी के बाद तीसरी सबसे लंबे समय तक चलने वाली सरकार का अगुवा होने का गौरव भी प्राप्त है।

राजनीति में आने से पहले आरबीआई के गवर्नर रह चुके सिंह ने 1991 में सियासी रास्ता अपनाया और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने उन्हें वित्त मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों का जनक भी कहा जाता है।

इस बीच ऐसी खबरें भी हैं कि कांग्रेस अगर चुनाव हार जाती है तो इसका ठीकरा मनमोहन सिंह के सिर फोड़ा जा सकता है। कांग्रेस नेताओं की ओर से ऐसे बयान भी आ रहे हैं कि हार की जिम्मेदारी राहुल गांधी की नहीं होगी। हालांकि सोनिया गांधी ने अपने नेताओं को कहा है कि हार के बाद मनमोहन सिंह का बचाव किया जाए। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Wednesday, May 14, 2014, 23:38
First Published: Wednesday, May 14, 2014, 23:38
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