
नई दिल्ली : भाजपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बिहार में भाजपा की ‘सुनामी’ को रोकने के लिए जदयू, राजद और कांग्रेस ने आपस में गुप्त समझौता कर लिया है और उसी के तहत किशनगंज लोकसभा सीट से जदयू उम्मीदवार अख्तरूल ईमान चुनाव मैदान से हटे हैं।
बीजेपी नेता और पार्टी के लोकसभा चुनाव के मीडिया समन्वय प्रमुख रविशंकर प्रसाद ने यहां यह आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में अजीब हवा बह रही है। एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है। ऐसी आशंका है कि जदयू, कांग्रेस और राजद में गुप्त समझौता हो गया है और इस गुप्त समझौते के अंतर्गत तीनों दल आपस में मिल कर अपने में से किसी एक उम्मीदवार को चुनावी मैदान से उतार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अल्पसंख्यकों के वोटों को बंटने से रोकने के लिए इन तीनों दलों में से किसी एक के मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान से हटाने की रणनीति बनी है। उनके अनुसार किश्नगंज लोकसभा सीट से जदयू उम्मीदवार अख्तरूल ईमान का चुनावी मैदान से हटना इस रणनीति की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति के साम्प्रदायिकरण का सटीक उदाहरण है। किशनगंज के चुनाव से दस दिन पहले ईमान यह कह कर चुनावी दौड़ से हट गए थे कि उनका उद्देश्य भाजपा को पराजित करना है और इसके लिए मुस्लिम वोट कांग्रेस उम्मीदवार तथा वर्तमान सांसद मुहम्मद असरारूल हक के पक्ष में एकजुट रहने चाहिएं। किश्नगंज मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।
प्रसाद ने कहा कि जदयू, राजद तथा कांग्रेस के एकजुट हो जाने के बावजूद बिहार में भाजपा और नरेन्द्र मोदी के पक्ष में चल रही जदबर्दस्त लहर को रोक पाना असंभव है। उनके अनुसार, बिहार की जनता मोदी से प्यार करती है और जदयू, राजद तथा कांग्रेस से नफरत। ये तीनों दल चुनाव को साम्प्रदायिक रंग देने का कितना भी प्रयास क्यों न कर लें विकास और मोदी ही चुनावी मुद्दा रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 18, 2014, 17:07