ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने बाड़मेर से अपने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को शनिवार को नाम वापस लेने के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस नहीं लेने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया। गौर हो कि पार्टी की ओर से टिकट न मिलने पर जसवंत ने बीते दिनों बगावती तेवर अपना लिए थे। जिसके बाद बीजेपी ने उनके नामांकन वापसी तक इंतजार की बात कही थी।
भाजपा की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। पार्टी ने राजस्थान के ही सीकर से भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे एक और बागी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को भी निष्कासित कर दिया।
भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज जसवंत सिंह बाड़मेर से पार्टी उम्मीदवार सोनाराम चौधरी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सोनाराम कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। भाजपा का विधान पार्टी नेताओं को अपने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता। भाजपा महासचिव जे पी नड्ढा द्वारा जारी पार्टी के बयान में कहा गया कि पार्टी के विधान की धारा 25 (9) के अनुसार पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे किसी भी नेता को तत्काल निष्कासन की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। बयान के मुताबिक, तदानुरूप भाजपा अध्यक्ष के निर्देशों के अनुसार सांसद जसवंत सिंह और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य सुभाष महरिया को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज जसवंत सिंह बाड़मेर से पार्टी उम्मीदवार सोनाराम चौधरी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सोनाराम कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये हैं। भाजपा ने बयान में कहा कि पूर्व विदेश मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री सिंह के खिलाफ तथा महरिया के विरद्ध कार्रवाई की गई है क्योंकि भाजपा का विधान पार्टी नेताओं को अपने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता। जसवंत सिंह ने नामांकन वापस लेने से इनकार करते हुए भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा। जसवंत सिंह को पांच साल में दूसरी बार इस तरह भाजपा से निष्कासित किया गया है। साल 2009 में भी उन्हें पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने वाली उनकी विवादास्पद किताब के लिए निकाला गया था। हालांकि जून, 2010 में उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया।
भाजपा महासचिव जेपी नड्ढा ने राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को एक संदेश भेजकर सिंह और महरिया के निष्कासन की जानकारी दी। इससे पहले परनामी ने सिंह या महरिया का नाम लिये बिना संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि हमने सभी जिलाध्यक्षों से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के सामने चुनाव मैदान में डटे कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट तुंरत मांगी है। जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट मिलते ही ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए मामला अनुशासन समिति को भेज दिया जाएगा। पूर्व विदेश मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने नामांकन वापस लेने से इनकार करने के बाद भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा। जसवंत सिंह को पांच साल में दूसरी बार इस तरह भाजपा से निष्कासित किया गया है। साल 2009 में भी उन्हें पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने वाली उनकी विवादास्पद किताब के लिए निकाला गया था। हालांकि जून, 2010 में उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया।
भाजपा महासचिव जेपी नड्ढा ने राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को एक संदेश भेजकर सिंह और महरिया के निष्कासन की जानकारी दी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Sunday, March 30, 2014, 10:40