नई दिल्ली : इस वक्त चुनाव लड़ने में बड़ी राजनीतिक पार्टियां जब करोड़ों रपये खर्च कर रही हैं वहीं छोटी राजनीतिक पार्टियां भी हैं जो 20 हजार से 50 हजार रुपये के मामूली बजट में चुनाव लड़ रही हैं। इतना बजट एक स्कूटर का होता है। ज्यादातर छोटी पार्टियां हाल फिलहाल में उभरी हैं जो चुनाव अपने ‘‘जुनून’’ के लिए लड़ती हैं और आर्थिक नुकसान उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखता है। इसमें कुछ घर-घर जाकर चुनाव प्रचार के लिए फंड जुटा रही हैं।
इसमें से कुछ राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव से पहले ही तेजी से सामने आई हैं, इनमें, विश्व शक्ति पार्टी, ब्रज विकास पार्टी, भारत विशाल पार्टी, पूर्वांचल राष्ट्रीय कांग्रेस, सम्यक पर्वितन पार्टी और भारतीय सर्वोदय क्रांति पार्टी शामिल हैं। 12 से 15 पार्टियां सिर्फ अकेले दिल्ली में ही लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
कई पार्टियों का दावा है कि वे राजनीति में कई सालों से सक्रिय हैं, जबकि कई इन लोकसभा चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमां रही हैं। गुमनाम जय महाभारत पार्टी ने मोहम्मद अशफाक को कानून और दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल और दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हषर्वर्धन के खिलाफ चांदनी चौक से उतारा है। इस पार्टी के पास कोई खास बजट नहीं है। जारी
49 वर्षीय अशफाक कहते हैं, मेरी पार्टी ने इस इलाके से मुझे चुनाव लड़ने के लिए कहा। यह मेरा पहला चुनाव है। मेरी पार्टी ने प्रचार पर खर्च करने के लिए मुझे कोई धन नहीं दिया है। अब तक मैं अपनी जेब से 25,000 से 30,000 रुपये के करीब खर्च कर चुका हूं। पैसे बचाने के लिए पैम्फलेट की फोटोकॉपियां करा रहा हूं। मैं अपनी पार्टी का अस्तित्व को बताने के लिए हर संभव कदम उठा रहा हूं। छोटी पार्टियों के प्रत्याशी हालांकि मान रहे हैं कि उनकी जीत की संभावना बहुत कम हैं। वे समाज को बदलने के अपने ‘‘जुनून और दृढ़ संकल्प’’ के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
पार्टी के एक अन्य प्रत्याशी शकील अहमद, जो पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं, ने कहा कि जमानत के 25,000 रुपये और अन्य खर्चों का नुकसान उठाने के बाद भी पार्टी इसे व्यर्थ नहीं समझती है बल्कि इसे संघर्ष कहती है। चुनाव में खर्च की सीमा हाल में 40 लाख से बढ़ा कर 70 लाख रुपये कर दी गई है ताकि प्रत्याशी प्रचार पर ज्यादा खर्च कर सकें। जिन पार्टियों को बड़ी पार्टियों का समर्थन प्राप्त नहीं है उनका कहना है कि भारत जैसे देश में 70 लाख रुपये बहुत ज्यादा हैं।
एक अन्य अतुल्य भारत पार्टी का कुल बजट 50,000 रुपये है जो प्रत्याशियों से इकठ्टा किया गया है। अतुल्य भारत पार्टी के प्रत्याशी जगमोहन सिंह का कहना है कि प्रचार में इतना ज्यादा खर्च करना संसाधनों की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी प्रत्याशियों को कोई पैसा नहीं देती है और सारी व्यवस्था प्रत्याशी खुद करते हैं। जय महाभारत पार्टी और अतुल्य भारत पार्टी दावा करती हैं कि वे बड़ी पार्टियों के खिलाफ आर्थिक तौर पर संपन्न नहीं हैं। इन सबके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 58 प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 8, 2014, 15:40