आपसी मतभेदों में फंसा बीजेपी का घोषणापत्र, बदलावों की वजह से हो रही देरी!

आपसी मतभेदों में फंसा बीजेपी का घोषणापत्र, बदलावों की वजह से हो रही देरी! ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : आम चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब सिफ तीन दिन बचे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी की आपसी कलह और मतभेदों के चलते घोषणापत्र का ड्राफ्ट फंसा हुआ है। इसमें कुछ बदलावों की चलते देरी को वजह बताया जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने एक हैरत भरे फैसले में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया सुबह शुरू हो चुकने पर यानी 7 अप्रैल को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करने का गुरुवार को ऐलान किया।

सूत्रों के अनुसार, गौर हो कि वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को घोषणापत्र बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। जोशी के कानपुर से चुनाव लड़ने के कारण इसमें देरी हुई। घोषणापत्र के ड्राफ्ट को 31 मार्च को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में रखा गया लेकिन कई नेताओं खासकर मोदी को घोषणापत्र का ड्राफ्ट पसंद नहीं आया। ड्राफ्ट में कई बदलाव सुझाए गए हैं। जोशी की अगुवाई में तैयार घोषणापत्र को भविष्य के लिए अपर्याप्त बताया जा रहा है। बदलावों के चलते बीजेपी के वादों के खुलासे में देरी हो रही है।

इस मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद बलबीर पुंज का कहना है कि नरेंद्र मोदी चुनावी सभा में जो कहते हैं वही पार्टी का घोषणा पत्र है। पुंज ने यह भी कहा कि लोगों को पता है कि बीजेपी लोगों के लिए क्या करने वाली है। बताया जा रहा है कि मोदी ने घोषणापत्र में भाषण के दौरान किए वादों को शामिल करने का निर्देश दिया है। वहीं, वरिष्‍ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि मोदी रोज अपने भाषणों के जरिये पार्टी का मैनिफेस्‍टो जारी कर रहे हैं।

इससे पहले, पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने इन अटकलों को गलत बताया कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं में घोषणा पत्र में शामिल किए जाने के कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद के कारण इसे जारी करने में विलंब हुआ है। इस बार भाजपा ने न सिर्फ अपना घोषणा पत्र जारी करने में देरी की बल्कि वह उसे उस समय जारी करेगी जबकि उस दिन सुबह मतदान शुरू हो चुके होंगे। घोषणा पत्र से पहले भाजपा आज दोपहर कांग्रेस नीत संप्रग शासन के खिलाफ ‘आरोप पत्र’ जारी करेगी। इसमें संप्रग के दस साल के शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार, घोटालों और अर्थव्यवस्था के कथित कुप्रबंधन का खुलासा किया जाएगा।

आम तौर पर राजनीतिक दल चुनाव से एक सप्ताह पहले तक अपने घोषणा पत्र जारी कर देते हैं। कांग्रेस 26 मार्च को अपना घोषणा पत्र जारी कर चुकी है। लोकसभा चुनावों के लिए मतदान का पहला चरण 7 अप्रैल से शुरू होगा और अंतिम तथा नौवां चरण अगले महीने 12 मई को होगा। 7 अप्रैल को असम की 5 और त्रिपुरा की 1 सीट के लिए सुबह 7 बजे मतदान शुरू हो चुका होगा।

सीतारमण ने उन खबरों को ‘बकवास’ बताया जिनमें कहा जा रहा है कि घोषणा पत्र में कुछ मुद्दों को शामिल करने और कुछ को शामिल नहीं करने को लेकर घोषणा पत्र समिति के प्रमुख मुरलीमनोहर जोशी और नरेन्द्र मोदी के बीच मतभेद हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव प्रचार में लगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक तिथि में, एक साथ और एक जगह मिल पाने का समन्वय नहीं होने के कारण यह विलंब हुआ है।

यह पूछे जाने पर कि आम तौर पर चुनाव घोषणा पत्र को जारी करने में अन्य दलों से सबसे आगे रहने वाली भाजपा इस मामले में इस बार पीछे क्यों रह गई, पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह तथ्य अपने आप में सही है लेकिन घोषणा पत्र जारी करने के दिन सब वरिष्ठ नेताओं से एक तिथि नहीं मिल पाने के कारण ही ऐसा हुआ है। इससे पहले भाजपा दिल्ली में 10 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी कर चुकी है, जिसमें सत्ता में आने के एक महीने के भीतर मंहगाई को काबू करने का वायदा किया गया है। बताया जाता है कि चूंकि घोषणा पत्र बनाने संबंधी समिति का लगभग हर सदस्य चुनाव भी लड़ रहा है और उनके अपने प्रचार में व्यस्त होने की वजह से भी इसे तैयार करने में विलंब हुआ है।
First Published: Friday, April 4, 2014, 11:21
First Published: Friday, April 4, 2014, 11:21
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