चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मोदी के खिलाफ 2 प्राथमिकी दर्ज

चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मोदी के खिलाफ 2 प्राथमिकी दर्जज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली/अहमदाबाद : चुनाव आयोग के आदेश के बाद गुजरात पुलिस ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दो प्राथमिकी दर्ज कर ली है। अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने यह केस दर्ज किया है। मोदी ने मतदान करने के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया था जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है।

दिल्ली में चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया, ‘आयोग का मानना है कि जिस दिन पूरे गुजरात और देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान जारी है, उस दिन सभा को संबोधित कर नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 (1) (ए) और 126 (1) (बी) का उल्लंघन किया है।’ आदेश में कहा गया, ‘लिहाजा, आयोग निर्देश देता है, नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए।’ चुनाव आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को शाम 6 बजे तक निपटारा रिपोर्ट भेजने का आदेश भी दिया था।

मोदी ने उस वक्त विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने अपना वोट डालने के तुरंत बाद अपनी पार्टी का ‘कमल’ निशान हाथ में दिखाकर भाजपा के लिए खुलेआम वोट मांगे।
कांग्रेस ने तुरंत चुनाव आयोग का रूख किया और मोदी पर आदर्श आचार संहिता के सरासर उल्लंघन का आरोप लगाया।

अपने आदेश में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिन टीवी चैनलों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने सभा का प्रसारण किया और चुनावी मामले दिखाए उनके खिलाफ भी धारा 126 (1) (बी) के तहत ‘अलग शिकायतें या प्राथमिकियां’ दर्ज कर कार्रवाई की जाए। धारा 126 (1) (ए) और (बी) के मुताबिक, मतदान संपन्न होने से पहले की 48 घंटे की अवधि के दौरान जनसभाओं पर पाबंदी होती है। इसके मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति (अ) किसी चुनाव के सिलसिले में न तो कोई जनसभा आयोजित करेगा, न जनसभा में शामिल होगा और न ही उसे संबोधित करेगा। (ब) सिनेमेटोग्राफ, टेलीविजन या ऐसे ही किसी अन्य उपकरण के जरिए भी किसी चुनावी मामले को नहीं दिखाया जाएगा।’ यूं तो वोट डालने के बाद नेताओं द्वारा संक्षिप्त बयान देना एक चलन है पर मोदी ने वोट डालने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर अपने राजनीतिक विरोधियों को नाराज कर दिया। संवाददाता सम्मेलन के दौरान मोदी ने न सिर्फ मतदाताओं से भाजपा के लिए वोट देने की अपील की बल्कि कांग्रेस के खिलाफ भी हमला बोला। मोदी ने वोट की स्याही लगी अपनी अंगुली और ‘कमल’ का निशान दिखाते हुए अपने मोबाइल फोन से तस्वीर भी ली।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि प्रकोष्ठ के सचिव के सी मित्तल ने तुरंत यह कहते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दाखिल की कि मोदी का भाषण और चुनाव चिह्न दिखाना जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 का उल्लंघन है। मित्तल ने मांग की थी कि मोदी के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए।

पार्टी ने शिकायत में कहा, ‘विभिन्न न्यूज चैनलों पर खबर के सीधे प्रसारण से यह देखा गया कि मोदी अपना वोट डालने के लिए गांधीनगर में मतदान केंद्र पर गए।’ पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा, ‘मतदान के लिए जाते वक्त वह भाजपा के लिए प्रचार कर रहे थे और इस अंदाज में भाषण दे रहे थे जिससे लगता था कि भाजपा के लिए, खुद के लिए प्रचार कर रहे हैं और वोट डाल देने के बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपना चुनाव चिह्न दिखाया।’ आज वोट डालने के बाद मोदी के संबोधन की वीडियो रिकॉर्डिंग देखने के बाद चुनाव आयोग ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश गुजरात पुलिस को दिए थे।

इस बीच, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने चुनाव आयोग द्वारा 9 अप्रैल को जारी उस आदेश का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि लोग ऐसी टोपी, शॉल और कपड़े पहनकर मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकते जिसपर किसी राजनैतिक दल का चुनाव चिह्न हो। आयोग ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 130 चुनाव के दिन मतदान केंद्र के भीतर किसी व्यक्ति को वोट के लिए प्रचार करने या चुनाव से संबंधित किसी नोटिस या चिह्न का प्रदर्शन करने से रोकती है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Wednesday, April 30, 2014, 19:04
First Published: Wednesday, April 30, 2014, 19:04
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