लखनऊ : दिल्ली के बटला हाउस कथित मुठभेड़ कांड के खिलाफ आवाज बुलन्द करने वाले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी आजमगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। रशादी ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह ऐलान करते हुए बताया कि उलमा काउंसिल की राष्ट्रीय परिषद में लिए गये निर्णय के मुताबिक वह आजमगढ़ से सपा प्रमुख के खिलाफ मैदान में उतरेंगे।
रशादी ने बताया कि मुसलमानों का पूरा वोट हासिल करके सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी सरकार के पिछले दो साल के कार्यकाल में यह पूरी तरह जाहिर हो गया है कि वह मुस्लिमों की हितैषी नहीं है। मुजफ्फरनगर में दंगे रोकने में राज्य सरकार की नाकामी पर हाल में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी ने भी मुहर लगा दी है।
पूर्वाचल के कुछ जिलों में पैठ रखने वाली पार्टी उलमा काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने, सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा किया था, लेकिन उसने उसे पूरा नहीं किया। इसके अलावा खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी को आतंकवाद के झूठे इल्जाम में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये जाने को गलत करार देने वाली निमेष आयोग की रिपोर्ट को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।
गौरतलब है कि उलेमा काउंसिल ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अम्बेडकरनगर, मछलीशहर, लालगंज, जौनपुर, लखनऊ तथा कानपुर से प्रत्याशी खड़े किये थे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 29, 2014, 18:17