
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता लागू करने का यह मतलब नहीं है कि देश के सभी नागरिकों पर हिंदू संहिता लागू की जाएगी।
मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘संविधान कहता है कि सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने का प्रयास करेगी। दूसरी महत्वपूर्ण बात मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि समान नागरिक संहिता लागू करने का यह मतलब नहीं है कि देश के सभी नागरिकों को हिंदू संहिता के अंतर्गत लाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हिंदू संहिता में अनेक प्रावधान हैं जो अप्रासंगिक हैं और उन्हें सुधारने की जरूरत है। 21वीं सदी में 18वीं सदी के कानूनों को लेकर चलना गैर जरूरी है।’’ भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करने के बिंदु को शामिल किया है।
मुसलमानों के बीच किसी भी तरह के भय को दूर करने का प्रयास करते हुए मोदी ने इस समुदाय के कल्याण से जुड़ी किसी भी मौजूदा संवैधानिक या वैधानिक संस्था को समाप्त करने की आशंका को खारिज कर दिया और कहा कि वह इन संस्थाओं को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
धर्मनिरपेक्षता को पश्चिम से आयातित अवधारणा बताते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिमों का वोट पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया और अब कांग्रेस और अन्य पार्टियां इस समुदाय का उपयोग ‘वोट बैंक’ के लिए कर रहीं हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 6, 2014, 22:43