यूपी में मोदी और चार पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में

यूपी में मोदी और चार पूर्व मुख्यमंत्री मैदान मेंलखनऊ: 16 वीं लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत चार राज्यों के पांच मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में है।

इनके अलावा, 1998 में 24 घंटे के मुख्यमंत्री रहे जगदंबिका पाल इस चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा उम्मीदवार के रुप में डुमरियागंज सीट से फिर से लोकसभा में प्रवेश के लिए ताल ठोंक रहे हैं।

प्रदेश से लोकसभा की सीटों के लिए छह चरण में चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में वाराणसी सीट पर गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी का दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल से दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। इस क्षेत्र में अंतिम चरण में 12 मई को मतदान होगा।

इनके अलावा मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और भाजपा अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह लखनउ समेत तीन अन्य दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव मैदान में है।

यहां यह गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिये जाने के कारण जगदम्बिका पाल का नाम पूर्व मुख्यमंत्रियों की सूची में दर्ज नहीं है। डुमरियागंज सीट पर भी 12 मई को मतदान होगा।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह 28 अक्तूबर 2000 से 08 मार्च 2002 तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे। सिंह राज्य की गाजियाबाद सीट से सांसद हैं, लेकिन इस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की थाती मानी जाने वाली लखनउ सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं। इस क्षेत्र में 30 अप्रैल को मतदान है।

29 जनवरी 2003 से 23 अगस्त 2004 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रही भाजपा नेता उमा भारती सूबे की झांसी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस क्षेत्र में 24 अप्रैल को मतदान होगा। उमा भारती उत्तर प्रदेश विधानसभा की चरखारी सीट से विधायक भी हैं। वर्ष 1989, 1993 और 2003 में तीन बार सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके राज्य में सत्तारुढ़ सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से सांसद हैं। यादव आगामी चुनाव में अपने मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के साथ पूर्वाचल की आजमगढ़ सीट से भी चुनाव मैदान में उतर रहे है। मैनपुरी में 24 अप्रैल को तथा आजमगढ़ में 12 मई को मतदान होगा।

इन मौजूदा अथवा पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री की पत्नी और कम से कम चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटा बेटी और बहू भी उत्तर प्रदेश से आगामी लोकसभा चुनाव के मैदान में है।

राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू डिंपल यादव कन्नौज सीट से फिर से लोकसभा में प्रवेश के लिए मैदान में हैं। इस क्षेत्र में 24 अप्रैल का मतदान होगा।

डिम्पल यादव के अलावा 1967 से 1970 के बीच सूबे के मुख्यमंत्री रहे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह बागपत से और 8 नवम्बर 1973 से 29 नवम्बर 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा जोशी लखनउ से लोकसभा चुनाव मैदान में है।


वर्ष 1987 में अपने पिता चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद 1989 के लोकसभा चुनाव से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत क्षेत्र से अपने पिता की विरासत संभाल रहे राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह एक बार फिर से मैदान में है। सिंह 1989 एवं 1991 में जनता दल और 1996 में कांग्रेस के टिकट पर बागपत सीट से जीते लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर 1997 के उपचुनाव में अपनी नवगठित भारतीय किसान कामगार पार्टी के टिकट पर लोकसभा में फिर से प्रवेश किया।

1998 के चुनाव में बागपत सीट से भारतीय जनता पार्टी के सोमपाल शास्त्री से पराजित होने के बाद सिंह 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में अपनी राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर सांसद बने। सिंह आगामी चुनाव में बागपत सीट से आठवीं बार लोकसभा में प्रवेश के लिए मैदान में डटे हैं। इस सीट पर पहले चरण में 10 अप्रैल को मतदान हो चुका है।

वर्ष 1991 तथा 1996 में दो बार सूबे के मुख्यमंत्रील रहे कल्याण सिंह एटा सीट से निर्दलीय सांसद है। सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं लेकिन इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरे है। इस सीट से भाजपा के टिकट पर मैदान में उनके पुत्र राजवीर सिंह मैदान में हैं। क्षेत्र में 24 अप्रैल को मतदान होगा। (एजेंसी)








First Published: Wednesday, April 16, 2014, 15:00
First Published: Wednesday, April 16, 2014, 15:00
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