‘इलेक्शन फार होप’ है आगामी लोकसभा चुनाव: मोदी

‘इलेक्शन फार होप’ है आगामी लोकसभा चुनाव: मोदीनई दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव को ‘‘इलेक्शन फार होप’’ बताते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि हिन्दुस्तान की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है और यह चुनाव नकारात्मकता का नहीं बल्कि आशा का चुनाव है।

मोदी ने कहा, ‘‘ये चुनाव आप देखिये, सिर्फ नकारात्मकता का चुनाव नहीं है, आशा का चुनाव है। ‘इलेक्शन फार होप’। ये हिन्दुस्तान की राजनीति में पहली बार हुआ है।’’ उन्होंने अपने आपको ‘नायक’ नहीं मानते हुए इस आरोप को झूठ बताया कि वह दूसरों को साथ लेकर नहीं चलते और अकेले निर्णय करते हैं।

मोदी ने कहा कि जिस तरह उनके रहन सहन और कपडों को लेकर झूठ फैलाया गया है, वैसे ही ये (अकेले निर्णय करने का) दूसरा झूठ है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर कोई गंभीर आरोप तो लगा नहीं पा रहे हैं तो हल्का फुल्का ही आरोप चलाते रहते हैं।’’ मोदी ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में एक टीम के रूप में काम करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा गुजरात, जिसमें जो बदलाव आये, क्या कोई एक आदमी ला सकता है? बिना टीम कभी कोई सफल नहीं होता और ‘‘मेरे यहां आज भी मैं कहता हूं.. टीम गुजरात। टीम के बिना सफल नहीं हुआ जाता।’’

सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सफलता का कारण है. मैं सबसे राय मशविरा करता हूं। हां, एक बार सबकी राय बन जाए तो फैसले के कार्यान्वयन के लिए मैं पूरी शक्ति लगा देता हूं। मोदी की पहचान कार्यान्वयन की है। यही तो मेरी पहचान है।’’ कांग्रेस मुक्त भारत की अपनी मुहिम के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं तब मैं पिछले 60 साल में कांग्रेस ने राजनीति में जिस कार्य संस्कृति को पनपाया है, उस कार्य संस्कृति से मुक्ति की बात करता हूं। कांग्रेस ने वोट बैंक की जो राजनीति की है और उसे सत्ता को हथियाने का साधन बना दिया है, मैं उससे मुक्ति की बात करता हूं।’’

ये पूछने पर कि पिछले 60 साल में दो तीन अवसरों पर पहले भी कांग्रेस मुक्त भारत हुआ है, मोदी ने कहा कि यह एकदम शत प्रतिशत सही है लेकिन देश में जितनी भी (ऐसी) सरकारें बनीं, अटल जी की सरकार को छोड़कर उसके सारे मुखिया ‘कांग्रेस गोत्र’ के ही थे। वे कांग्रेस में ही पले बढ़े थे। कांग्रेस में ही पैदा हुए थे लेकिन राजनीतिक कारणों से या वैयक्तिक द्वेष के चलते कांग्रेस से निकले थे।

संप्रग शासन के दौरान जनता में कथित अविश्वास पैदा होने के उनके दावों को लेकर जब सवाल किया गया कि उनमें विश्वास क्यों किया जाए, तो मोदी ने कहा, ‘‘लोग मोदी को भलीभांति जानते हैं। लोग अटल जी की सरकार के माध्यम से, भाजपा की सरकारें कैसी चलती हैं, वो भी अब जानते हैं। लोगों को कांग्रेस शासन और राजग शासन में क्या अंतर है, अब भलीभांति समझ आता है।’’

आगामी लोकसभा चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर बदल देने के आरोप पर मोदी ने कहा कि पहली बात तो ये कि ‘‘मैं अपने आपको नायक नहीं मानता हूं और न ही मैं इस दिशा में सोचता हूं। मेरी एक प्रतिबद्धता है। हमारी प्राथमिकताओं में देश का गरीब, देश का नौजवान और असुरक्षा महसूस कर रही माताएं बहनें हैं। हमारा किसान है और हमारी सीमा पर बैठा जवान है।’’ इस सवाल पर कि दूसरी पार्टियों से वह अपने आपको किस तरह अलग मानते हैं, उन्होंने कहा कि उनकी (अन्य पार्टियों की) योजनाएं वोट बैंक की राजनीति की योजनाएं हैं। वे सारी योजनाएं वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखकर तैयार करते हैं। वो सरकार चलाते हैं केवल चुनाव जीतने के लिए। हम सरकार चलाना चाहते हैं जनता जनार्दन की शक्ति बढाने के लिए।

इस सवाल पर कि गुजरात में औद्योगीकरण का जो माहौल बना है, उसे वह केन्द्र में सत्ता में आने पर कैसे लागू करेंगे, मोदी ने कहा, ‘‘पहली बात यह है कि भारत एक संघीय ढांचा है। हमें राज्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए। केन्द्र की नीतियां ऐसी हों, जो सब राज्यों को उनकी क्षमता के अनुसार कार्य करने का अवसर दें... केन्द्र की सरकार को राज्यों के विकास में आड़े नहीं आना चाहिए। औद्योगिक विकास के लिए यह बहुत बडी मदद करता है।’’ कराधान के बारे में उन्होंने कहा कि केन्द्र के स्तर पर कराधान के संबंध में भी हमारी एक विश्वसनीय नीति होनी चाहिए वरना दुनिया का कोई व्यक्ति इसकी आशंका के चलते हमारे यहां नहीं आता।

आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आरक्षण के मुददे को लेकर तनाव पैदा होता है।’’ उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात में सत्ता में आये थे तब इंजीनियरिंग में 13 हजार सीटें थीं। उस समय आरक्षण को लेकर तनाव पैदा होता था लेकिन आज उनके राज्य में 1 लाख से ज्यादा इंजीनियरिंग की सीटें हो गयी हैं और अब ऐसी कोई समस्या नहीं है।

कांग्रेस को सभी बुराइयों का प्रतीक बताते हुए मोदी ने कहा कि यदि देश को सही नेतृत्व मिलता है तो जनता सही रास्ते पर चलेगी और व्यवस्था सुधरेगी। ‘‘भाजपा खोखले वायदों में यकीन नहीं करती है। वह परिणाम देती है। वह गरीब के लिए काम करती है।’’ महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम करने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया गया लेकिन ‘‘ये दुर्भाग्य है कि वहां जो गवर्नर बैठी हैं, वो एक महिला हैं और वो इस पर दस्तखत करने को तैयार नहीं हैं।’’

कानून व्यवस्था से जुडे अप्रासंगिक कानूनों के बारे में मोदी ने कहा कि अराजकता एक हकीकत है लेकिन कम कानून होना भी जरूरी है। ‘‘कानूनों का जंगल बना हुआ है। कुछ तो कानून 19वीं और 18वीं सदी वाले लेकर हम घूम रहे हैं। जगत बदल चुका है। जितना इससे मुक्ति पाएंगे, उतना सरलीकरण आएगा।’’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बचपन में संघ के द्वारा देश के लिए जीने के संस्कार मिले हैं। अनुशासन में जीने के लिए संस्कार मिले हैं। कठोर परिश्रम करने के लिए संस्कार मिले हैं। खुद के लिए नहीं, औरों के लिए सोचने के संस्कार मिले हैं और मैं इसके लिए संघ का ऋणी हूं।’’

ये पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मुकाम (प्रधानमंत्री बन सकने की संभावना) की कल्पना की थी, मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता जनार्दन ईश्वर का रूप होती है। जनता निर्णय करेगी। जहां तक नरेन्द्र मोदी का सवाल है, एक व्यक्ति के नाते अब सारा देश जानता है कि ‘‘मैं कहां पैदा हुआ। कैसे पला बढा .. और मैं देश के नौजवानों को हमेशा कहता हूं कि जीवन में कभी भी कुछ बनने के सपने नहीं देखने चाहिए बल्कि कुछ करने के सपने देखने चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि राजनीति का क्षेत्र उनके लिए महात्वाकांक्षा नहीं, एक मिशन है। ‘‘मेरे लिए राजनीति सर्वोपरि नहीं, राष्ट्रनीति सर्वोपरि है। हमारे लिए सत्ता सब कुछ नहीं है। समाजभक्ति सब कुछ है।’’ देश के स्तर पर व्यवस्था, सुरक्षा और विदेश नीति के बारे में उनकी सोच पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि भारत सरकार के पास जितने विभाग हैं, वे बुरी तरह ‘फेल’ हुए हैं। जिन विभागों में थोडा राज्यों का नाता है, वहां जरूर कुछ ठीक है लेकिन जो भारत सरकार के विभाग हैं, चाहे वह विदेश नीति हो, चाहे रक्षा क्षेत्र हो या आंतरिक सुरक्षा, बुरी तरह ‘फेल’ हो गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कभी हमने देखा है कि सेना और रक्षा मंत्री के बीच तनाव हो । 60 साल हो गये, इंदिरा जी जैसे लोग राज करते थे। क्या कभी सेना में हिन्दू कौन, मुसलमान कौन, ये गिनती करने का काम हुआ, यह पाप किया जा रहा है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम जहां भी बैठेंगे, जिस जिम्मेदारी के साथ बैठेंगे, जिस दायित्व को निभाएंगे, सोच यही होगी कि सवा सौ करोड देशवासियों का कल्याण हो, भारत मां फिर से एक जगतगुरू का स्थान प्राप्त करे, विश्व की स्पर्धा में हमारी भारत माता भी एक शक्ति बनकर उभरे। ये हर भारतवासी का सपना होना चाहिए, सिर्फ मोदी का नहीं।’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 00:39
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 00:39
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