
न्यूयॉर्क : अमेरिका ने कहा है कि ‘भारत का अगला प्रधानमंत्री जो भी हो’ वह उसके साथ नजदीकी तौर पर काम करने को लेकर बहुत ही उत्साहित है। इस टिप्पणी की व्याख्या इस रूप में की जा सकती है कि वह मोदी को स्वीकार करने के लिए अपने को तैयार कर रहा है यदि वह निर्वाचित होते हैं।
यह पूछे जाने पर यदि भारत में नई सरकार भाजपा के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनती है तो अमेरिका भारत के साथ किस तरह का संबंध बनने की उम्मीद करता है, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हार्फ ने कहा, हम व्यापक मुद्दों पर भारत के साथ काम करने काफी उत्साहित हैं चाहे भारत सरकार जिसके भी नेतृत्व में बने। इस सवाल पर कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या अमेरका उन्हें आमंत्रित करेगा और उनके वीजा मुद्दे को किस तरह से सुलझाया जाएगा,
हार्फ ने कहा, भारत का अगला प्रधानमंत्री चाहे जो भी बने हम उसके साथ नजदीकी तौर पर काम करेंगे। मैं इस बात की गारंटी दे सकती हूं। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम यहां पर बैठकें करेंगे। अमेरिका ने 2002 के गुजरात दंगों में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर मोदी को 2005 में वीजा देने से इनकार कर दिया था।
मैरी हार्फ ने अमेरिकी विदेशी नीति पर एक डिजिटल वीडियो कान्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका (भारत के साथ) विभिन्न मुद्दों पर नजदीकी तौर पर काम करना जारी रखेगा।, ‘(चुनाव का) चाहे जो भी विजेता हो..हम (चुनाव) प्रक्रिया पर नजर रखना जारी रखेंगे और इंतजार करेंगे और नजर रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘इंतजार करेगा और देखेगा कि चुनाव के क्या परिणाम होते हैं’ और ‘हम चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद और बात करेंगे।’ उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार बढ़कर 100 अरब डॉलर हो गया है और ‘इसके और लगातार बढ़ने का मौके हैं’ क्योंकि ‘‘इससे ना केवल भारत बल्कि यहां पर अमेरिकी व्यापारों, अमेरिका श्रमिकों को मदद मिलेगी।’
उन्होंने कहा, यह निश्चित तौर पर एक स्थान है जिसमें हम काम करना जारी रखते हैं। दूसरा दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क है। हमारे यहां इस वर्ष करीब 113000 भारतीय छात्र हैं तो कि चीन के बाद दूसरा है। निश्चित तौर पर लोगों के बीच सम्पर्क स्तर पर हमारा मानना है कि साथ काम करना जारी रखने की काफी संभावनाएं हैं, एकबार फिर इससे दोनों देशों को लाभ होगा। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में परमाणु नीति के मुद्दे पर हार्फ ने कहा कि अमेरिका चुनाव का परिणाम आने का इंतजार कर रहा है, देखते हैं कि भारत की सरकार कैसी होती है और जो भी हो हम काम करने और व्यापक मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार हैं। हम हमेशा ही कहते रहे हैं कि हम मुद्दों को उस तरह से लेते हैं जैसे वे सामने आते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 9, 2014, 19:35