मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस ने वाजपेयी को बनाया हथियार

मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस ने वाजपेयी को बनाया हथियारज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : कांग्रेस ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए अब उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हथियार बनाया है। कांग्रेस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट कांग्रेस डॉट इन पर वाजपेयी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है जिसके साथ लिखा है, `मोदी ने राजधर्म का पालन नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जिस व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के योग्य नहीं समझते थे क्या आप देश का भविष्य उस व्यक्ति के हाथों में सौंप सकते हैं?`
भाजपा ने कांग्रेस से उसकी वेबसाइट से वाजपेयी का फोटो हटाने को कहा है।

वेबसाइट पर जारी `नो बडी टू रिमाइंड बीजेपी ऑफ इट्स राजधर्म` शीर्षक वाले लेख में कहा गया है कि भाजपा में वाजपेयी के कद का कोई नेता नहीं है। पार्टी के इस संस्थापक अध्यक्ष ने 6 साल तक देश की बागडोर संभाली। 2004 में कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद वाजपेयी ने खुद माना था कि मोदी के शासनकाल के दौरान हुए दंगों की वजह से उनकी हार हुई।

दरअसल वाजपेयी मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे। इसकी पुष्टि एनडीए सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह ने की थी। वाजपेयी ने तो मोदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में इस्तीफे की भी धमकी दी थी। इस लेख में आगे लिखा गया है- वाजपेयी की पीड़ा की वजह थी नरेंद्र मोदी का राजधर्म का पालन नहीं करना। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म का पालन करने की नसीहत दी थी। उनसे कहा था कि वे जाति, धर्म और रंग के आधार पर लोगों को न बांटे। इससे साफ है कि गुजरात के मुख्यमंत्री दंगे रोकने में तो नाकाम रहे ही, साथ ही गुजरातियों के साथ भी भेदभाव किया।

इस लेख के अंत में लिखा गया है, `इतना सब कुछ जानने के बाद यही सवाल उठता है कि भाजपा के सबसे बड़े नेता जब उस शख्स को मुख्यमंत्री के पद से हटाना चाहते थे तो वह पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसे हो सकता है?`
First Published: Friday, April 11, 2014, 13:18
First Published: Friday, April 11, 2014, 13:18
comments powered by Disqus

ओपिनियन पोल

क्‍या चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना चाहिए?