ज़ी मीडिया ब्यूरोअमेठी : लोकसभा चुनाव के बाद समर्थन लेने या देने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़े ही साफगोई से कह दिया है कि उनकी पार्टी किसी भी मोर्चे को समर्थन नहीं देगी।
अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन शनिवार को राहुल ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि देश में किसी भी दल को सरकार बनाने लायक बहुमत मिलने की सम्भावना नहीं है। ऐसे में स्थितियां बनने पर क्या कांग्रेस तीसरे मोर्चे को समर्थन दे सकती है, राहुल ने ‘ना’ में सिर हिलाया और कहा ‘हम किसी फ्रंट को समर्थन नहीं देंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करेगी, उन्होंने दोबारा ‘ना’ में सिर हिलाया और दावा किया, ‘हम पूरे नम्बर लाएंगे।’
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और एक मंत्री ने एक दिन पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि राहुल गांधी कई पार्टियों वाली सरकार को समर्थन देने की बजाय विपक्ष में बैठना और संगठन के पुनर्निर्माण को पसंद करेंगे। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि पूर्व में इस तरह के प्रयोग असफल रहे हैं। कई कांग्रेस नेताओं और केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने हाल ही में यह सुझाव दिया था कि पार्टी ने तीसरे मोर्चे और फेडरल फ्रंट की सरकार को समर्थन देने का विकल्प खुला रखा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व इस तरह के बयानों से खुश नहीं है। गौरतलब है कि खुर्शीद बाद में अपने बयान से पलट गए थे। कांग्रेस के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा में साफ कर दिया था कि वह चुनाव के बाद ढांचागत बदलावों पर जोर देंगे। राहुल गांधी की प्राथमिकता उन राज्यों में पार्टी के पुनर्निर्माण पर होगी, जहां कांग्रेस ने क्षेत्रीय ताकतों के चलते अपना जनाधार खोया है।
First Published: Saturday, May 3, 2014, 19:46