मोदी के गुजरात मॉडल पर सेंट जेवियर कॉलेज का हमला

मोदी के गुजरात मॉडल पर सेंट जेवियर कॉलेज का हमलामुंबई: मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के प्राचार्य ने अपने विद्यार्थियों को नरेंद्र मोदी के विकास के ‘गुजरात मॉडल’ की निंदा करने वाला परामर्श भेजकर विवाद पैदा कर दिया है। हालांकि प्राचार्य फादर फ्रेजर ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि उनका नोट किसी विशेष व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने संदेश में किसी व्यक्ति विशेष या संगठन का उल्लेख नहीं किया है। इसका आशय केवल मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले छात्रों के सामने एक व्यापक सोच रखना था। प्राचार्य की ओर से विद्यार्थियों को भेजे ईमेल को कॉलेज की वेबसाइट पर भी डाला गया है जिसके मुताबिक, ‘सभी मानव विकास सूचकांक और जनसंख्या का सांस्कृतिक ध्रुवीकरण बताते हैं कि गुजरात में पिछले 10 साल का अनुभव भयावह रहा है।’

इसमें कांग्रेस की खाद्य सुरक्षा और रोजगार योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि रोजगार योजना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे प्रयास को चुनावी बातें कहा जा रहा है। लेकिन देश और दुनिया के सामने मौजूद आपातकालीन आर्थिक स्थिति में अमर्त्य सेन और ज्यां द्रे जैसे हमारे कुछ सर्वश्रेष्ठ सामाजिक वैज्ञानिकों ने इनका समर्थन किया है।

प्राचार्य के नोट में विद्यार्थियों को ऐसे नेताओं का समर्थन नहीं करने की सलाह दी गयी है जो देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, ‘कॉपरेरेट पूंजीवादी और सांप्रदायिक शक्तियों के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के भविष्य के लिए वाकई खतरा पैदा करती है।’ इस बीच जब फादर से चुनावों के बीच इस तरह के मेल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक अखबार से कहा, ‘मैंने (गुजरात) मॉडल के मूल्यांकन के लिए कुछ विचार दिये हैं और अन्य मॉडल की भी बात की है, जैसे कि कांग्रेस सरकार। मैं निष्पक्ष रहने की कोशिश कर रहा हूं। अपने विद्यार्थियों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना मेरी जिम्मेदारी है।’ उन्होंने कहा, ‘मीडिया में गुजरात मॉडल की चर्चा सफल मॉडल की तरह हो रही है और मैं जो सोचता हूं, उस पर रोशनी डाल रहा हूं।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 23, 2014, 15:57
First Published: Wednesday, April 23, 2014, 15:57
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