अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण रहा

अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण रहाज़ी मीडिया ब्‍यूरो

इटानगर : अरुणाचल प्रदेश में दो लोकसभा सीटों और 60 विधानसभा सीटों में 49 सीटों के लिए मतदान बुधवार को शांतिपूर्वक शुरू हो गया। खबर लिखे जाने तक वोटिंग शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।

राज्य के पश्चिमी और पूर्वी लोकसभा सीटों पर कांग्रेस, भाजपा, राकांपा और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) तथा निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। दोनों सीटें वर्ष 1975 से ही कांग्रेस का गढ़ रही हैं। लेकिन, वर्ष 2004 में पहली बार यहां से भाजपा जीती थी।

पूर्वी लोकसभा सीट पर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री निनोंग इरिंग (कांग्रेस) का मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी तरीर गाओ तथा पीपीए के वांगमन लोवांगचा से है। पश्चिमी सीट पर कांग्रेस के वर्तमान सांसद ताकम संजय एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के किरन रिजिजू से है। हालांकि इस सीट पर 8 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं और मुकाबला बहुकोणीय है।

विधानसभा चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है लेकिन नयी पार्टी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के साथ साथ पीपीए और राकांपा के भी चुनाव मैदान में होने के कारण कई सीटों पर कड़ी टक्कर होने के आसार हैं। राज्य की कुल 60 विधानसभा सीटों में से 49 सीटों के लिए चुनाव मैदान में 5 महिलाओं सहित कुल 155 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। शेष 11 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इनमें मुख्यमंत्री नबाम तुकी भी शामिल हैं जो सागली विधानसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। राज्य में 2,158 मतदान केंद्रों पर 3,77,272 महिलाओं सहित 7,53,170 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 24 वर्तमान कंपनियों के अलावा 20 अतिरिक्त कंपनियां तथा 8,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सभी अंतरराज्यीय प्रवेश द्वारों को आज शाम 5 बजे तक के लिए सील कर दिया गया है। राज्य की राजधानी में कल रात से मामूली बारिश हो रही है। राज्य सरकार ने आज अवकाश घोषित किया है ताकि मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Wednesday, April 9, 2014, 08:43
First Published: Wednesday, April 9, 2014, 08:43
comments powered by Disqus

ओपिनियन पोल

क्‍या चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना चाहिए?